ऑपरेशन सिंदूर पर चीन की कूटनीतिक कलाबाजी: संयम की सलाह और आतंकवाद पर दोमुंही बात

राघवेन्द्र मिश्रा
राघवेन्द्र मिश्रा

भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर (PoK) में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चीन की प्रतिक्रिया आई है। चीनी विदेश मंत्रालय ने इस हवाई हमले को “अफसोसजनक” बताते हुए दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।

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चीन बोला – “पड़ोसी हमेशा पड़ोसी रहेंगे”

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा:

“भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के पड़ोसी हैं और हमेशा रहेंगे। वे दोनों चीन के भी पड़ोसी हैं। हम सभी तरह के आतंकवाद का विरोध करते हैं लेकिन चाहते हैं कि दोनों देश संयम बरतें।”

यह बयान सुनकर विशेषज्ञों ने कहा — “शब्दों में आतंकवाद की निंदा, पर कार्रवाई में पाकिस्तान की वकालत — ये चीन का क्लासिक डिप्लोमेसी स्टाइल है।”

भारत की सख्त कार्रवाई – ऑपरेशन सिंदूर

भारत ने 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे, के बाद PoK और पाकिस्तान के आतंकी शिविरों पर जवाबी कार्रवाई की।

भारतीय सेना की कर्नल सोफ़िया कुरैशी ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया:

“6-7 मई की रात 1:05 से 1:30 के बीच भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया। इसमें बहावलपुर और मुरीदके स्थित आतंकी ठिकानों सहित कुल 9 कैंप तबाह किए गए।”

किसे निशाना बनाया गया?

  • बहावलपुर – जैश-ए-मोहम्मद का गढ़

  • मुरीदके – लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय

  • पीओके – लॉन्च पैड्स और ट्रेनिंग कैंप

सेना के मुताबिक, टारगेट बेहद सटीक थे और सभी ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया।

चीन की चिंता या पाक-प्रेम?

विश्लेषकों के अनुसार, चीन की प्रतिक्रिया “डिप्लोमेटिक न्यूट्रलिटी” के नाम पर पाकिस्तान की ढाल जैसी है। चीन हमेशा आतंकवाद के विरोध की बात करता है, लेकिन जब टारगेट पाकिस्तान हो — तो उसे “स्थिति जटिल न करने” की सलाह देने लगती है।

भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए आतंकवाद को स्पष्ट संदेश दे दिया है — “न आतंक छिपेगा, न छोड़ा जाएगा।”
चीन की संयम की सलाह कूटनीतिक दिखती है, लेकिन भारत का रुख अब साफ है — “अब एक्शन ही रिएक्शन है।”

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