भारत में कोरोना मामलों में उछाल, JN.1 बना मुख्य कारण, सावधानी ही बचाव

अजमल शाह
अजमल शाह

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि भारत में एक्टिव कोरोना वायरस केस 5,364 से पार हो गए हैं। सबसे ज़्यादा केस जहां एक समय महाराष्ट्र में होते थे, अब केरल 1,679 मामलों के साथ सबसे ऊपर है।

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बाकी राज्यों में गुजरात (615), पश्चिम बंगाल (596), दिल्ली (562), महाराष्ट्र (548) जैसे नाम फिर से उभर आए हैं।

रिकवरी हो रही है, पर डर भी बना हुआ है

अब तक 4,724 मरीज ठीक हो चुके हैं, लेकिन तेजी से बदलते वेरिएंट्स और मौजूदा केस ट्रेंड को देखकर विशेषज्ञ “लापरवाही का वायरस” फैलने से डर रहे हैं।

“हमने कोरोना को हराया नहीं, बस उसे नजरअंदाज कर दिया है।”

मौतों की चुपचाप वापसी – जोखिम में हैं पुराने मरीज़

अब तक चार मौतें कोविड से जुड़ी सामने आई हैं। सभी मरीजों को पहले से गंभीर बीमारियां थीं। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, फेफड़ों की बीमारी और मोटापा जैसे फैक्टर अब ‘मौत के टिकट’ बन रहे हैं।

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वेरिएंट्स की भरमार – कौन बनेगा ‘मास्टर वेरिएंट’?

  • WHO ने मई 2025 तक LF.7 और NB.1.8.1 को “under monitoring” रखा है।

  • भारत में अभी सबसे ज्यादा केस JN.1 वेरिएंट (53%) के हैं।

यानी वायरस भी अब “म्यूटेटेड मार्केटिंग” में उतर आया है – हर बार नया रूप, नई चाल।

राज्यवार संक्रमण की स्थिति – साउथ इंडिया अलर्ट पर

राज्य एक्टिव केस
केरल 1,679
गुजरात 615
पश्चिम बंगाल 596
दिल्ली 562
महाराष्ट्र 548
कर्नाटक 451
तमिलनाडु 221
उत्तर प्रदेश 205
राजस्थान 107

INSACOG की रिपोर्ट – साइलेंट स्प्रेडर वेरिएंट्स का उदय

  • NB.1.8.1 तमिलनाडु में अप्रैल में मिला।

  • LF.7 के 4 मामले जून की शुरुआत में गुजरात से।

हर राज्य अपना “हॉटस्पॉट हैट” पहनने को तैयार लग रहा है।

क्या करें, क्या ना करें – 2025 में भी वही पुराना पाठ

स्वास्थ्य मंत्रालय का साफ संदेश – “संक्रमण छोटा दिखे, पर असर बड़ा हो सकता है।”

 भीड़भाड़ से बचें
 मास्क वापसी करें
 हाथ धोना 2020 की आदत नहीं, 2025 की जरूरत है
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वायरस जा चुका था, लेकिन हमने दरवाजा खुला छोड़ रखा था

भारत में कोविड एक बार फिर दरवाज़े पर है, बस इस बार गौरवशाली सेल्फी नहीं, ज़िम्मेदार सतर्कता चाहिए। सरकार सतर्क है, लेकिन असली फ्रंटलाइन योद्धा अब आम लोग हैं।

याद रखें – वेरिएंट बदल सकता है, पर हमारी लापरवाही वैसी की वैसी रहती है…

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