
राहुल गांधी ने भोपाल में एक पार्टी कार्यकर्ता सम्मेलन में मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। एक ओर जहां वे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए फोन कॉल का जिक्र करते हुए पीएम मोदी को “सरेंडर” करने वाला बताते हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के शेरों और शेरनियों का बचाव करते हुए उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस कभी नहीं झुकी, चाहे फिर वो 1971 की भारत-पाक युद्ध हो या आज का राजनीतिक माहौल।
राहुल ने कहा, “इतिहास गवाह है, BJP-RSS हमेशा झुकते हैं, जबकि कांग्रेस कभी नहीं। गांधी, नेहरू और पटेल जैसे नेता कभी नहीं झुके।” उनकी बातें ऐसे थीं जैसे किसी फिल्म के क्लाइमैक्स सीन में विलन को हराने वाला सुपरहीरो मैदान में उतर आया हो!
आर्थिक असमानता पर तंज
राहुल गांधी ने आर्थिक असमानता को लेकर भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया कि देश का 90% हिस्सा पूरी तरह से नजरअंदाज हो चुका है, और चंद अमीरों को ही पूरा पैसा सौंप दिया जा रहा है। राहुल ने कहा, “आजकल हमारे देश में दो हिंदुस्तान बन रहे हैं – एक गरीबों, पिछड़ों और वंचितों का, और दूसरा चंद अमीरों का।” यह एक ऐसा राजनीतिक ‘धमाका’ था, जैसे किसी फायरवर्क ने पूरे कार्यक्रम को रोशन कर दिया हो!
अडानी और अंबानी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “अमेरिका में अडानी पर केस चल रहा है, लेकिन हमारे देश में ये लोग सब कुछ कर सकते हैं क्योंकि ये मोदी जी के दोस्त हैं!”
चीन का माल, भारत में कारोबार
राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया, जहां उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ उद्योगपति चीन का माल मंगाकर बेच रहे हैं, जिससे रोजगार भारत की बजाय चीन को मिल रहा है। यह आरोप इस तरह था, जैसे किसी ने ‘Made in China’ के टैग पर ‘Made in India’ का ठप्पा लगा दिया हो!
उन्होंने अपनी बात को और भी मजेदार तरीके से कहा: “अडानी-अंबानी चीन का माल बेचते हैं, खुद कमाई करते हैं और रोजगार चीन के युवाओं को मिलता है, जबकि हमारे यहां के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं।”
जातिगत जनगणना की मांग – असली सामाजिक न्याय की सच्चाई
राहुल ने फिर जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाते हुए कहा, “जातिगत जनगणना से हम जान सकेंगे कि किसे फायदा हो रहा है और किसके साथ अन्याय हो रहा है।” यानी, उनका कहना था कि जब तक हम यह जानेंगे नहीं, तब तक हमें सही तरीके से समझ में नहीं आएगा कि देश की असली सच्चाई क्या है। और फिर यह सच्चाई कहीं न कहीं दिल में बैठने लगती है!
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राहुल गांधी का सशक्त राजनीति में प्रभाव
राहुल गांधी की यह पूरी बातों की श्रृंखला एक ऐसी फिल्म की तरह लग रही थी, जिसमें हर किरदार अपनी भूमिका के साथ सही वक्त पर इंट्रो कर रहा था। उनके हमले के साथ, वे केवल मोदी सरकार पर तंज नहीं कर रहे थे, बल्कि अपनी पार्टी और उसके मूल्य को एक नई दिशा देने का भी संदेश दे रहे थे।
यूं कहें कि इस बातों का निचोड़ यही था कि कांग्रेस कभी हार नहीं मानती, चाहे फिर राजनीतिक फील्ड हो या आर्थिक।
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