बाढ़ से निपटने की योगी सरकार की तैयारी: 200 करोड़ की परियोजनाओं को मिली मंजूरी

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मानसून सीजन से पहले बाढ़ संभावित जिलों में सुरक्षा मजबूत करने के उद्देश्य से बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने ₹200 करोड़ की बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है, जिससे सरयू, गंगा, राप्ती और रोहिन नदियों के किनारे बसे क्षेत्रों में तटबंधों की मजबूती सुनिश्चित की जा सके।

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किन कार्यों पर होगा फोकस?

इस फंड के तहत निम्नलिखित कार्य किए जाएंगे:

  • आरसीसी पिलर का निर्माण – नदी के किनारों को स्थायित्व देने के लिए।

  • पुराने तटबंधों की मरम्मत – समय के साथ कमजोर हुए संरचनात्मक हिस्सों को मजबूत करने के लिए।

  • कटाव रोधी उपाय – नदी किनारे मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए गेबियन स्ट्रक्चर और बोल्डरिंग।

  • नए पंपिंग स्टेशन – जल निकासी की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए।

किन जिलों को मिलेगा प्राथमिकता?

सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर गोरखपुर, बलिया, देवरिया, बहराइच, लखीमपुर खीरी, मऊ जैसे जिलों को चिह्नित किया है जहां हर साल बाढ़ से भारी तबाही होती है।

उद्देश्य क्या है?

राज्य सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि मानसून शुरू होने से पहले ही सभी सुरक्षा उपाय जमीन पर उतर जाएं, ताकि बाढ़ की स्थिति में जन-धन की हानि को न्यूनतम किया जा सके। इस बार प्रिवेंटिव इंफ्रास्ट्रक्चर को समय पर पूरा कराना प्राथमिकता होगी।

निगरानी और पारदर्शिता

परियोजना की प्रगति पर निगरानी रखने के लिए:

  • डिजिटल पोर्टल पर रियल-टाइम अपडेट

  • जिलाधिकारियों को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी

  • पब्लिक रिपोर्टिंग सिस्टम के माध्यम से स्थानीय शिकायतों का समाधान

योगी सरकार की यह पहल प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सक्रिय और प्रोएक्टिव अप्रोच को दर्शाती है। समय रहते की गई यह तैयारी, बाढ़ संभावित जिलों के नागरिकों को सुरक्षा और भरोसे का संदेश देती है। उम्मीद है कि यह योजना आने वाले मानसून में उत्तर प्रदेश को बाढ़ से बचाने में प्रभावी साबित होगी।

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