
राजनीति के गलियारों में इन दिनों सबसे बड़ा सवाल यही है –सीज़फायर की घोषणा ट्रंप ने की, तो भारत सरकार क्या कर रही थी?
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और इसी सवाल को लेकर कांग्रेस नेता सचिन पायलट भी चौंक गए। उन्होंने खुली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
“शायद यह पहली बार है कि सीज़फायर का ऐलान व्हाइट हाउस से ट्विटर पर हुआ हो।”
मतलब अब युद्ध और शांति की नीतियां संसद में नहीं, एक्स की थ्रेड में तय होंगी?
सेना की वीरता, ट्विटर की नीति?
पायलट ने भारतीय सेना की बहादुरी को सलाम किया, लेकिन साथ ही ये भी पूछा कि
“सीज़फायर का ‘नोटिफिकेशन’ ट्विटर से क्यों आया? क्या मोदी सरकार अब विदेश नीति की बागडोर भी एल्गोरिद्म के हवाले कर चुकी है?”
ट्रंप के ट्वीट का असर इतना है कि भारत-पाक जैसे सुलगते मुद्दों पर भी उनके शब्द अब बुलेटप्रूफ जैकेट बन गए हैं।
संसद छुट्टी पर, ट्विटर ऑन ड्यूटी?
सचिन पायलट की बातों में एक अहम मुद्दा भी था — “संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए।” क्योंकि अगर ट्रंप के ट्वीट से हमारी नीति बदलती है, तो सवाल उठता है:
“देश की सुरक्षा नीति का पासवर्ड व्हाइट हाउस के WiFi से जुड़ा है क्या?”
जहाँ एक ओर भारतीय जवान सीमाओं पर जान की बाज़ी लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर शांति समझौते का ट्वीट वॉशिंगटन से आ रहा है।
और जब हमारे नेता ये कहें कि “हमें ट्रंप की थ्रेड पढ़कर पता चला कि अब सीज़फायर है,” तो लगता है कि शायद अगला रक्षा बजट भी रीट्वीट पर आधारित हो।
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