
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐसा फैसला लिया है जो दिन के साथ-साथ अब रात को भी रोशन करेगा।
सरकार ने आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है — अब महिलाएं कारखानों में रात की शिफ्ट (7 PM से 6 AM) में भी काम कर सकेंगी।
लेकिन यह “रात की ड्यूटी” सिर्फ काम की नहीं, बल्कि सुरक्षा, सम्मान और समान अवसर की भी होगी। सरकार ने साफ़ कहा है — “सहमति के बिना कोई नहीं, सुरक्षा के बिना कोई शिफ्ट नहीं।”
नाइट शिफ्ट में ‘नारीशक्ति’ — योगी मॉडल ऑन वर्क मोड
राज्य सरकार का दावा है कि इस कदम से महिलाओं को रोजगार में समान अवसर, उद्योगों को कुशल कार्यबल और समाज को नई सोच मिलेगी। अब फैक्ट्रियों में सिर्फ मशीनें नहीं, बल्कि महिलाओं की मेहनत और आत्मनिर्भरता की गूंज भी सुनाई देगी।
“महिलाओं की सहमति अनिवार्य होगी और हर कार्यस्थल पर CCTV, सुरक्षा गार्ड और पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था होगी।” — श्रम विभाग
यानि, अब कारखानों की रातें होंगी सुरक्षित और उत्पादक दोनों!
रोज़गार के साथ सम्मान भी — Empowerment on Wheels!
सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि महिलाओं को घर से कार्यस्थल और वापसी के लिए सुरक्षित परिवहन देना होगा। साथ ही, हर फैक्ट्री में महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ, फर्स्ट एड किट, और 24×7 हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था जरूरी होगी।

यूपी सरकार मानती है कि “आर्थिक स्वतंत्रता के बिना सशक्तिकरण अधूरा है।” अब महिलाएं भी मेट्रो से उतरकर सीधे मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में ‘नाइट शिफ्ट कमांडर’ बनेंगी!
‘अब फैक्ट्री में रातें भी उजली होंगी’
पहले कहा जाता था — “रात में काम? बेटियां नहीं जातीं!” अब कहा जाएगा — “रात में काम? बेटियां लीड कर रही हैं!”
लगता है यूपी में ‘Good Night’ अब सिर्फ सलाम नहीं, Empowerment का स्लोगन बन गया है!
Gender Equality की ओर बड़ा कदम
- रोजगार में बढ़ोतरी
- महिलाओं की आर्थिक आज़ादी
- उद्योग जगत में विविधता
- सामाजिक सोच में परिवर्तन
राज्य सरकार का यह निर्णय “विकास और महिला सुरक्षा” दोनों का संगम है।
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