
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण नीति-2025 (UP ECMP-2025) को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य है – यूपी को ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना।
₹5000 करोड़ के निवेश और लाखों रोजगार के अवसरों वाली इस नीति से डिस्प्ले, कैमरा मॉड्यूल, मल्टीलेयर पीसीबी जैसे हाई-टेक कॉम्पोनेंट्स अब नोएडा से निकलकर दुनिया भर में पहुंचेंगे।
Global Hub की ओर यूपी का कदम
यूपी की नई पॉलिसी केंद्र सरकार की ECMS (Electronics Components Manufacturing Scheme) के अनुरूप होगी और 1 अप्रैल 2025 से अगले 6 वर्षों तक प्रभावी रहेगी।
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डिस्प्ले यूनिट्स
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कैमरा मॉड्यूल्स
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मल्टीलेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB)
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सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन
इन सभी क्षेत्रों में यूपी अब मेड इन इंडिया से मेड इन यूपी की ओर बढ़ेगा।
रोजगार की होगी बारिश, निवेशकों की होगी बाढ़
प्रमुख सचिव अनुराग यादव ने बताया कि 2015 में जहां देश में सिर्फ 2 मोबाइल यूनिट्स थीं, वहीं अब 300+ यूनिट्स सक्रिय हैं। यूपी इस क्रांति में सबसे आगे है।
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मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में भारत का 50% से अधिक योगदान यूपी से

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इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स प्रोडक्शन: ₹1.9 लाख करोड़ → ₹11 लाख करोड़
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मोबाइल एक्सपोर्ट: ₹1500 करोड़ → ₹2 लाख करोड़
यानी अब यूपी टैबलेट भी बना रहा है!
5,000 करोड़ की लागत, लेकिन फायदा लाखों का
इस नीति के तहत प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों नौकरियां पैदा होंगी। इसके साथ ही यूपी निवेश के लिए सबसे आकर्षक राज्य बनकर उभरेगा।
“नोएडा – नया बैंगलोर बन सकता है”, ऐसा कहना है इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का।
डिजिटल यूपी, इंडस्ट्रियल यूपी, आत्मनिर्भर भारत का मजबूत स्तंभ
UP ECMP-2025 सिर्फ एक नीति नहीं, बल्कि डिजिटल उत्तर प्रदेश की आधारशिला है। इस नीति से जहां रोजगार और निवेश बढ़ेगा, वहीं संपत्ति विवादों में कमी से सामाजिक शांति भी आएगी।
अब वक्त है जब हम कह सकते हैं — “अब यूपी सिर्फ खेतों में नहीं, लैब्स में भी कमाल कर रहा है!”
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