
जब सपने हों बड़े, और पॉकेट में सिक्के खनकने की बजाय हँसी गूंजे, तो UPSC की तैयारी किसी ब्रह्मास्त्र से कम नहीं लगती — पर इस महाभारत में अर्जुन नहीं, पारले जी असली चक्रव्यूह तोड़ने वाले योद्धा बन जाते हैं। क्लास के नोट्स भले ना मिले हों, लेकिन अगर रूम में पारले जी पड़ा हो — तो समझो कंस्टीटूशन की हर आर्टिकल याद आ जाती है! और जब भूख इकोनॉमी की तरह मंदी में हो, तब मैगी ही फिस्कल स्टिमुलस बन जाती है। क्योंकि UPSC की असली तैयारी तो वहीं से शुरू होती है, जहाँ हर जवाब से पहले चाय और पारले जी की मीठी शुरुआत होती है।
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टिके रहो बाबू, टॉपर्स भी भूखे रहे हैं
जहाँ कुछ दिन बिजली नहीं आती, कुछ दिन पढ़ाई नहीं होती, और कई दिन… भूख सिर्फ एक कप चाय से मुँह चिढ़ाती है — वहीं UPSC हॉस्टल लाइफ में “पारले जी” वो सच्चा किरदार होता है, जो ना चाय में घुलता है, ना कभी साथ छोड़ता है। न ही फॉर्म भरवाता है, न ही सिलेक्शन गारंटी देता है…लेकिन हाँ, हर बाइट में एक बात ज़रूर देता है — “टिके रहो बाबू, टॉपर्स भी भूखे रहे हैं!”
हॉस्टल लाइफ की सच्चाई — पारले जी की ज़ुबानी:
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रूम छोटा हो, सपना बड़ा — पारले जी सब संभाल लेता है।
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जब मम्मी की याद आए, तो चाय में डुबा के खा लो — लगेगा माँ ने टिफिन भेजा है।
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इंटरनेट चला जाए, नोट्स खो जाएं, दोस्त बदल जाएं — लेकिन पारले जी वही रहता है, जैसा पहली बाइट में था!
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जब roommate बोले “भैया, आज चाय तुम्हारी”, तो समझो बिस्कुट भी आधे उसी के हुए!
UPSC टॉपर तो खुद बोले:
“सिलेबस तो रट्टा मार लिया था, लेकिन भूख पारले जी ने ही बुझाई!”
पारले जी: UPSC की तैयारी का संस्कारी बिस्कुट
क्लास में देर से पहुँचना माफ़ है, लेकिन अगर कोई पारले जी लाना भूल जाए — तो रूममेट के दिल से उतर जाता है! क्योंकि…
“जब आंसर नहीं बनते, तब पारले जी के टुकड़ों में उम्मीद तलाशी जाती है।”
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पारले जी वो दोस्त है जो कभी सवाल नहीं पूछता, सिर्फ साथ देता है।
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चाय हो या चिठ्ठियाँ, सब में मिठास घोल देता है।
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जब किताबें भारी लगती हैं और रिजल्ट डरावना — तब बस एक बाइट पारले जी और सुकून का जादू शुरू!
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पारले जी = UPSC हॉस्टल थाली
PG की रसोई में जो thali सबसे ज्यादा ऑर्डर होती है, वो है:
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Maggi – Main Course
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Parle-G – Dessert cum Emotional Support
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Chai – Beverage of the Gods
और जब मॉक टेस्ट में मार्क्स ना आएँ, तो ये तीनों मिलकर आत्मा को Reset कर देते हैं।
“Success की कोई गारंटी नहीं,
पर अगर चाय गरम हो, पारले जी प्यार से खाया जाए— तो ये सफर भी किसी UPSC की पोस्टिंग से कम नहीं।”
तो चलिए जनाब,जब अगली बार लक्ष्मीकांत की मोटी किताब उठाएँ, तो साथ में एक कप चाय, थोड़ी मैगी और दो बिस्कुट रख लीजिए —
क्योंकि सिलेबस भले भारी हो, पर पेट खाली नहीं होना चाहिए! UPSC की तैयारी में सबसे अनदेखा, सबसे underrated और सबसे loyal साथी अगर कोई है — तो वो है एक चाय और दो पारले जी के बिस्कुट।
“ये न मार्क्स पूछता है, न मॉक टेस्ट —
बस चुपचाप हर रात को मीठा बना देता है!”