
लगता है ये लाइन अब पाकिस्तान के आतंकियों पर सच में लागू हो गई है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक और आतंकवादी का नाम “अतीत” में दर्ज हो गया है – और नाम है रजुल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह।
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मतली फलकारा चौक, सिंध का वही इलाका है जहां रविवार को कुछ अज्ञात हमलावरों ने सैफुल्लाह को उड़ा दिया!
सैफुल्लाह कौन था, और क्यों था ‘मोस्ट वांटेड’?
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भारत के RSS मुख्यालय पर 2006 के हमले में शामिल
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IISC बेंगलुरु और CRPF रामपुर कैंप हमलों में भी संलिप्त
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नेपाल में लश्कर का नेटवर्क चलाकर भारत में घुसपैठ और फंडिंग को अंजाम दे रहा था
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लश्कर के ‘बाबाजी’ यानी आज़म चीमा का खासमखास
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बाद में नेपाल से PAK की गोदी में लौट गया और वहीं पर मिला ‘शांति’ का अंतिम संदेश
पाकिस्तान में खलबली, ISI का सिग्नल डाउन
सूत्रों की मानें तो सैफुल्लाह की मौत के बाद लश्कर, जमात और ISI के बीच चाय की प्याली नहीं, संपूर्ण तूफान चल रहा है। अब सवाल ये है कि –
“आगे किसकी बारी?”
अब देखिए, सैफुल्लाह ने सोच रखा था कि नेपाल में बैठकर भारत में बम फोड़ेगा, और पाकिस्तान में बैठकर बिरयानी खाएगा। पर इस बार बिरयानी में गोली के दाने मिले।
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