जब दुनिया को लगा कि ट्रंप अब शांति वार्ताओं से रिटायर हो चुके हैं, तब उन्होंने नेतन्याहू के साथ मिलकर ग़ज़ा के लिए नया शांति प्रस्ताव पेश कर दिया। इस प्रस्ताव का मक़सद – “युद्ध नहीं, पुनर्निर्माण” और “टैंक नहीं, टेबल टॉक”। मुस्लिम देशों का ‘Unexpected Support’ क़तर, जॉर्डन, सऊदी अरब, यूएई, पाकिस्तान, तुर्की, इंडोनेशिया और मिस्र – यानी वो देश जो आमतौर पर अलग-अलग मत रखते हैं – इस बार एक सुर में बोले:“ट्रंप की कोशिश सराहनीय है।”कई तो इस बयान से इतना खुश हो गए कि लगा जैसे…
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बायकॉट नेतन्याहू – भाषण सुनने रह गए खाली कुर्सियाँ और अमेरिका
संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली (UNGA) में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की स्पीच ने जितनी चर्चा नहीं बटोरी, उससे ज्यादा चर्चा कर दी उन खाली कुर्सियों ने, जो भाषण से पहले ही वहां से ‘इस्तीफा’ दे चुकी थीं। जैसे ही नेतन्याहू ने मंच पर कदम रखा, कई देशों के प्रतिनिधि ऐसे उठे जैसे Zoom मीटिंग में ‘Leave Meeting’ बटन दबाया हो। हॉल का आधा हिस्सा खाली, बचा हुआ आधा अमेरिका और नेतन्याहू की उम्मीदें थीं। गाजा को चेतावनी, बाकी दुनिया को नाराज़गी – नेतन्याहू की ‘डुअल स्पीच’ रणनीति नेतन्याहू…
Read Moreब्रिटिश सांसद बोले: अब तो फ़लस्तीन को “देश” बना ही दो!
ब्रिटेन के विदेश मामलों की संसदीय समिति ने एक नई रिपोर्ट के जरिए प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर को सीधा संदेश भेजा है:“अब देर मत करो, फ़लस्तीन को देश मान लो!” सांसदों ने कहा कि फ़लस्तीन को संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता देना कोई कूपन कोड नहीं है कि ‘शर्तें लागू’ वाली लाइन जोड़ दी जाए। ये उनका अधिकार है—बिना किसी टी एंड सी के! लेबर और लिबरल: “फ़लस्तीन को कब तक PENDING रखोगे?” समिति में शामिल ज़्यादातर सांसद, जिनमें लेबर पार्टी और लिबरल डेमोक्रेट्स के सदस्य हैं, मानते हैं कि…
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