अयोध्या में शनिवार को हुआ सपा का ‘प्रथम पीडीए महासम्मेलन’ — एक ऐतिहासिक मौका था सामाजिक न्याय, आरक्षण और संविधान के मूल्यों को दोहराने का। लेकिन कार्यक्रम की शुरुआत मंच पर ही एक ‘कुर्सी-धर्म संकट’ से हो गई। कार्यकर्ताओं का ‘कुर्सी-मंथन’ सम्मेलन का मकसद था पिछड़े वर्गों की भागीदारी पर फोकस, लेकिन मंच पर कार्यकर्ता इस बात पर भिड़ गए कि किसे सामने बैठना है और किसे पीछे। सामाजिक न्याय के मुद्दों पर चर्चा होनी थी, पर मंच पर कुर्सियों की ‘सामाजिक असमानता’ ने सबका ध्यान खींच लिया। सूत्रों की…
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जब ‘जय भीम’ सिर्फ़ नारा नहीं, इंकलाब बन गया
जब कोई कहता है “जय भीम”, तो वो सिर्फ़ एक अभिवादन नहीं करता — वो एक विचार, एक इतिहास और एक सामाजिक विद्रोह को सलाम करता है। इस दो शब्दों में छिपी है आज़ादी, समानता और न्याय की जंग। “जय भीम” का जन्म — सम्मान से उठी आवाज़ “जय भीम” नारे की शुरुआत 1940 के दशक में मानी जाती है। यह नारा डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनुयायियों द्वारा उनके सम्मान में गढ़ा गया। शुरुआत में यह एक क्रांतिकारी अभिवादन था, जिसे दलित समाज के लोग आपसी मेलजोल और आत्मसम्मान के…
Read Moreवीपी सिंह जयंती पर लखनऊ में बोलेगी विरासत की आवाज़!
देश के सातवें प्रधानमंत्री और सामाजिक न्याय के अग्रदूत जननायक विश्वनाथ प्रताप सिंह (वी.पी. सिंह) की जयंती का आयोजन, 25 जून को राष्ट्रीय किसान मंच द्वारा लखनऊ के गांधी भवन सभागार में भव्य रूप से किया जा रहा है। इसराइल ने युद्धविराम प्रस्ताव को मंज़ूरी दी, ईरान बोला- शर्तों पर होगा अमल कार्यक्रम का शुभारंभ दोपहर 12 बजे होगा और यह शाम 4 बजे तक चलेगा। इस आयोजन का उद्देश्य न केवल वीपी सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित करना है, बल्कि उनके विचारों और विरासत को जन-जन तक पहुँचाना भी…
Read Moreअब नारे नहीं, कांग्रेस करेगी ‘जातिगत न्याय’ की पक्की बुनियाद!
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने आगामी चुनावों की तैयारियों के तहत अपने संगठनात्मक ढांचे में बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है। अब पार्टी ने तय किया है कि जिला और शहर इकाइयों में कम से कम 60 प्रतिशत पद पिछड़े वर्गों (ओबीसी), अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के नेताओं को दिए जाएंगे। यह कदम कांग्रेस के ‘जातिगत न्याय’ अभियान के अंतर्गत उठाया गया है, जिसकी अगुवाई राहुल गांधी कर रहे हैं। “शांति की राह में नेतन्याहू का रोडा!” – अर्दोआन की गरज प्रतिनिधित्व के नए मानक उत्तर प्रदेश…
Read Moreजात के गिनती से बिहार में मच गइल घमासान, कौन बनले नया खिलाड़ी!
बिहार में चुनाव आवे से पहिले एक बार फेरु जातीय जनगणना के नाम पर सियासी तापमान बढ़ गइल बा। तेजस्वी यादव अउर नीतीश कुमार एकरा के “सामाजिक न्याय” के कदम कहत बाड़े, त बीजेपी अबहियो ‘विकास बनाम जाति’ के नारों में उलझल बा। सवाल बा – का ई गिनती समाज के बदल दी, कि बस चेहरा बदली? जनगणना ना, सियासत के सेंसर बिहार सरकार के जाति आधारित जनगणना में सामने आइल बा कि OBC आ EBC के जनसंख्या 63% से ऊपर बा। मतलब अब सत्ता, आरक्षण, नीति अउर टिकट बंटवारा…
Read Moreतेजस्वी यादव ने जाति जनगणना पर PM मोदी को लिखा पत्र, बोले– ‘अब हाशिए की आवाज़ अनसुनी नहीं हो सकती’
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जाति जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा है, जिसे उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा भी किया।पत्र में तेजस्वी ने केंद्र सरकार के हालिया रुख की सराहना की, लेकिन यह भी याद दिलाया कि एनडीए सरकार ने वर्षों तक इस मांग को नकारा था। चरणजीत चन्नी के बयान से मचा बवाल, BJP ने कांग्रेस को बताया ‘ग़द्दारों की टोली’ तेजस्वी यादव ने उठाया पुराना मुद्दा तेजस्वी ने पत्र में लिखा: “कई वर्षों तक आपकी सरकार और एनडीए ने…
Read Moreपसमांदा मुसलमानों के लिए अलग जाति सर्वे की मांग- ओवैसी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार से जाति जनगणना को लेकर स्पष्ट समयसीमा की मांग की है। उन्होंने कहा कि आख़िरी बार जाति आधारित जनगणना 1931 में हुई थी और उसके बाद से अब तक किसी भी सरकार ने इसे दोहराने की हिम्मत नहीं दिखाई। PM मोदी का आतंकियों को सख्त संदेश: सीमा पार से आतंकवाद को नहीं सहेंगे, निर्णायक कार्रवाई होगी हमें बताइए जाति सर्वे कब शुरू होगा, कब खत्म और कब लागू? एक सार्वजनिक बयान में ओवैसी ने…
Read Moreजातिगत जनगणना: विकास का मॉडल या सामाजिक विभाजन का जरिया?
अंग्रेज़ी हुकूमत ने सबसे पहली जातिगत जनगणना वर्ष 1881 में कराई थी. उसके बाद अंतिम बार पूर्ण जातिगत मतगणना वर्ष 1931 में कराई थी. इसके बाद आजाद भारत में सबसे पहली जनगणना वर्ष 1951 में हुई. लेकिन, जनगणना केवल आदिवासियों की जातियों से संबंधित थी. इसी पैटर्न पर वर्ष 1961, 1971, 1981 और 1991 में भी जनगणना हुई. यहां तक कि, 2001 में अटल सरकार के कार्यकाल के दौरान भी केवल इसी प्रकार का जनगणना सर्वे किया गया जिसे जाति पाति से परे हटकर किया गया सर्वे भी कहा जा…
Read Moreक्या है Caste Census, जिनसे विपक्ष को किया खुश,जानें इतिहास और विवाद
30 अप्रैल 2025 को केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए आगामी जनगणना के साथ जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी और इस कदम को सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा निर्णय बताया। इसके साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस ने अब तक जातीय मुद्दों को केवल राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। संगठित अपराध पर योगी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को सुप्रीम कोर्ट से समर्थन जातिगत जनगणना…
Read Moreतेजस्वी यादव बोले: सरकार अब हमारे एजेंडे पर चल रही है, जनगणना पर मिली जीत
केंद्र सरकार द्वारा अगली जनगणना में जातिगत आंकड़े शामिल करने के फैसले पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह विपक्ष और सामाजिक न्याय के पक्षधर दलों की जीत है। तेजस्वी यादव ने इसे “हमारे एजेंडे की जीत” बताया। इश्क मुश्क वालों को खबर क्या सिविल सर्विस क्या चीज है!, फ्री का ज्ञान है ले लो! तेजस्वी ने कहा, “जब हम जातिगत जनगणना की बात कर रहे थे, तब सरकार इसका विरोध कर रही थी। प्रधानमंत्री ने इससे इनकार किया था, संसद में उनके मंत्री…
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