
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि भारत के खिलाफ किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई की जाती है, तो भारत उसका मजबूती और सख्ती से जवाब देगा। यह बयान उन्होंने भारत दौरे पर आए ईरान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची के साथ बैठक के दौरान दिया।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश में राष्ट्रवाद का उफान, सुरक्षा और अस्मिता को लेकर बढ़ी चेतना
बैठक का उद्देश्य
अब्बास अराग़ची भारत-ईरान मैत्री संधि की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित द्विपक्षीय सहयोग समीक्षा बैठक में हिस्सा लेने भारत पहुंचे। इसी दौरान यह संवेदनशील मुद्दा उठाया गया।
22 अप्रैल को पहलगाम हमला और जवाबी कार्रवाई
जयशंकर ने अराग़ची को 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जानकारी दी, जिसमें भारत को सीमा पार कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने बताया कि 7 मई को भारतीय बलों ने आतंकी ठिकानों को लक्ष्य बनाकर कार्रवाई की।
“हम तनाव नहीं बढ़ाना चाहते, लेकिन अगर हम पर हमला किया गया, तो भारत मजबूती से जवाब देगा,” — एस जयशंकर
भारत-ईरान संबंधों का उल्लेख
जयशंकर ने अराग़ची से कहा कि ईरान एक करीबी साझेदार और पड़ोसी देश है, और ऐसे में इस तरह की सुरक्षा स्थितियों की जानकारी होना बेहद ज़रूरी है। भारत-ईरान संबंधों में यह खुलेपन और पारदर्शिता की मिसाल है।
भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर स्पष्ट और गंभीर है। विदेश मंत्री एस जयशंकर का यह बयान न सिर्फ भारत की रणनीतिक नीति को दर्शाता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी संदेश देता है कि भारत किसी भी आक्रामकता का निर्णायक जवाब देने को तैयार है।