नई दिल्ली : रामनवमी के पावन पर्व पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस पर्व को धर्म, न्याय और कर्तव्य-परायणता का प्रतीक बताते हुए कहा कि भगवान श्रीराम ने मानवता के लिए त्याग, समरसता, शौर्य और उच्च आदर्श प्रस्तुत किए। राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि रामराज्य की अवधारणा एक आदर्श मानी जाती है, और इस अवसर पर देशवासियों से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर विकसित भारत के निर्माण के लिए संकल्प लें।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की शुभकामनाएं
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी रामनवमी के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भगवान श्रीराम के दिव्य सिद्धांतों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये सिद्धांत हमारे जीवन को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर और शाश्वत मूल्यों की याद दिलाते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम की शिक्षाएं हमें एकजुट और मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए प्रेरित करती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनवमी के इस विशेष दिन पर बधाई दी। उन्होंने लिखा कि यह पावन अवसर सभी के जीवन में नई चेतना और उत्साह लेकर आए, जो सशक्त, समृद्ध और समर्थ भारत के संकल्प को निरंतर नई ऊर्जा प्रदान करे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिन को एक नई शुरुआत के रूप में देखा और सभी से समाज की भलाई के लिए एकजुट होने की अपील की।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का संदेश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी रामनवमी के इस पावन पर्व पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भगवान राम के जीवन को सत्य, सेवा और मानव मूल्यों की रक्षा के प्रेरणा स्रोत के रूप में बताया। अमित शाह ने प्रभु श्रीराम से सभी के स्वस्थ, समृद्ध और दीर्घ जीवन की कामना की।
सीएम योगी आदित्यनाथ का संदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम को भारत की ‘अनेकता में एकता’ का सूत्र बताया। उन्होंने इस अवसर पर प्रभु श्रीराम की शिक्षाओं और आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भगवान राम भारत की आस्था, मर्यादा और दर्शन का प्रतीक हैं और उनकी कृपा सभी पर बनी रहे, यही उनकी प्रार्थना है।
रामनवमी का महत्व
रामनवमी का पर्व भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और यह भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पर्व है। यह दिन न केवल धार्मिक एकता का प्रतीक है, बल्कि समाज में शांति, समृद्धि और सामूहिक भलाई की कामना की जाती है। इस दिन को मनाने से हम भगवान राम की आदर्श शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं।