पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तानी SSG ट्रेनिंग की पुष्टि, लश्कर मॉड्यूल और ISI कनेक्शन उजागर

Ajay Gupta
Ajay Gupta

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले की परतें अब धीरे-धीरे खुल रही हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच और खुफिया एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस हमले में शामिल आतंकवादियों को पाकिस्तानी स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) से मिलिट्री ट्रेनिंग दी गई थी।

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हाशिम मूसा: SSG का पूर्व पैरा कमांडो निकला

जानकारी के अनुसार, हमले में शामिल आतंकवादी हाशिम मूसा पाकिस्तान में SSG का पैरा कमांडो रह चुका है। वह लंबे समय से कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। हाशिम पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है।

लश्कर ए तैयबा का सक्रिय मॉड्यूल

जांच में यह भी सामने आया है कि इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों का संबंध लश्कर ए तैयबा के सक्रिय मॉड्यूल से है। ये आतंकी वर्ष 2024 में ही घाटी में घुसपैठ कर चुके थे और लगातार छोटे-छोटे हमलों को अंजाम दे रहे हैं।

इन आतंकियों को पाकिस्तानी सेना की ट्रेनिंग प्राप्त है और ये स्थानीय आतंकियों के समूहों का नेतृत्व कर रहे हैं। इस मॉड्यूल का नेटवर्क जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे संगठनों से भी जुड़ा है।

ISI का मकसद: कश्मीर में तबाही

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, इस हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की बड़ी साजिश है। उनका उद्देश्य घाटी में अधिकतम तबाही फैलाना और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाना है।

NIA की सक्रिय जांच और इनाम की घोषणा

NIA ने घटनास्थल से सबूत इकट्ठा करने की प्रक्रिया तेज कर दी है और प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ जारी है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तीन आतंकवादियों के स्कैच जारी किए हैं और प्रत्येक पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है।

बड़ा सर्च ऑपरेशन जारी

हमले के बाद, सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने पहलगाम और पीर पंजाल क्षेत्र के जंगलों में बड़ा तलाशी अभियान शुरू किया है। इस अभियान में ड्रोन और UAVs जैसे आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।

हमले में 26 लोगों की निर्मम हत्या

22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई थी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे। यह हमला घाटी की शांति और पर्यटन को सीधा निशाना बनाने की पाकिस्तान प्रायोजित कोशिश मानी जा रही है।

पहलगाम आतंकी हमला कोई सामान्य हमला नहीं, बल्कि पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित और संचालित एक सुनियोजित साजिश थी। भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक स्पष्ट संकेत है कि अब रणनीति केवल सीमा पर नहीं, घाटी के भीतर भी निर्णायक होनी चाहिए।

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