
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए कायराना आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। जहां भारत ने हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता को साफ़ तौर पर उजागर किया है, वहीं पाकिस्तान मिसाइल परीक्षण कर रहा है, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता और बढ़ गई है।
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पाकिस्तान ने किया फतह मिसाइल का टेस्ट
5 मई को पाकिस्तान ने 120 किमी रेंज वाली ‘फतह सीरीज’ मिसाइल का सफल परीक्षण करने का दावा किया। पाकिस्तान सेना की मीडिया शाखा ISPR ने कहा कि यह लॉन्च “सैनिकों की ऑपरेशनल तैयारी और मिसाइल की सटीकता को वैलिडेट करने के लिए था।”
इससे पहले 3 दिन में पाकिस्तान ने 450 किमी रेंज की अब्दाली मिसाइल का परीक्षण भी किया था। इन दोनों परीक्षणों को “Ex INDUS” अभ्यास का हिस्सा बताया गया है।
भारत ने कहा: यह उकसावे की लापरवाह कार्रवाई है
भारत सरकार ने पाकिस्तान की इस हरकत को “तनाव बढ़ाने का हताश प्रयास” करार दिया है। भारत ने इसे एक शत्रुतापूर्ण और लापरवाह कदम बताया है। खासकर जब पहलगाम हमले के बाद देश में जनाक्रोश चरम पर है, ऐसे समय में मिसाइल टेस्ट करना परमाणु शक्तियों के बीच युद्ध के खतरे को और गहरा करता है।
भारत ने उठाए कड़े कूटनीतिक कदम
हमले के अगले ही दिन, 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक हुई, जिसमें कई सख्त फैसले लिए गए:
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सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है।
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अटारी बॉर्डर को अस्थायी रूप से बंद किया गया है।
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पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों को निष्कासित कर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।
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SAARC वीज़ा छूट योजना के तहत दिए गए सभी वीजा रद्द कर दिए गए हैं।
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पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी गई हैं।
पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी झटका
भारत सरकार इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र, UNSC और अन्य वैश्विक मंचों पर उठाने की तैयारी में है, ताकि पाकिस्तान को आतंकवाद के संरक्षणदाता के तौर पर बेनकाब किया जा सके।
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की मिसाइल डिप्लोमेसी, उसकी कायरता और बौखलाहट का संकेत है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वो हर मोर्चे पर पाकिस्तान को जवाब देगा – चाहे वो सैन्य हो, कूटनीतिक हो या जल संसाधनों का हो। अब देश की निगाहें इस बात पर हैं कि अगला कदम क्या होगा।
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