
उत्तर प्रदेश में नाम बदलने की परंपरा अब इतिहास नहीं—रोज़ का अपडेट बन चुकी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी के मुस्तफाबाद गांव का नाम बदलकर ‘कबीरधाम’ करने की घोषणा की है। कार्यक्रम के मंच से उन्होंने कहा कि “हमारे नगरों की आत्मा को पुनर्जीवित किया जा रहा है।”
कबीर की धरती पर ‘कबीरधाम’ की स्थापना
सीएम योगी संत असंग देव महाराज के प्रकटोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। वहीं उन्होंने कहा कि मुस्तफाबाद अब कबीर की शिक्षाओं और विचारों से प्रेरित स्थल के रूप में जाना जाएगा। कहा — “संत कबीर की विचारधारा समाज को एकता, समानता और सेवा का संदेश देती है।”
यानी अब यूपी में सिर्फ सड़कों पर ही नहीं, साइनबोर्ड्स पर भी अध्यात्म उतरेगा।
नाम बदलने की परंपरा: पहचान का ‘रिब्रांडिंग प्रोजेक्ट’
योगी सरकार इससे पहले भी कई शहरों का नाम बदल चुकी है — इलाहाबाद हुआ प्रयागराज, फैजाबाद हुआ अयोध्या, अब बारी आई मुस्तफाबाद की, जो बन गया कबीरधाम।
सीएम बोले — “हम ऐतिहासिक और धार्मिक नगरों की गरिमा को पुनर्जीवित कर रहे हैं।”
“इतिहास की किताबों की जगह, अब गूगल मैप्स अपडेट हो रहे हैं।”
भारत की पहचान और योगी का विज़न
सभा में सीएम योगी ने कहा — “2014 से पहले देश पहचान खो चुका था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक स्तर पर नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं।”

उन्होंने दावा किया कि आने वाले समय में भारत दुनिया की टॉप 3 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा। और शायद उसी लिस्ट में यूपी भी “नाम बदलने के टॉप स्टेट” के रूप में जुड़ जाए।
यूपी में हर बोर्ड पर लिखा है – Coming Soon: नया नाम!
योगी सरकार का मिशन साफ़ है — “जो नाम पुराना लगे, उसे नया बना दो, जो इतिहास धुंधला लगे, उसे हिंदुत्व से सजा दो।”
अब बस देखना यह है कि अगला नाम अपडेट किसका आता है —क्योंकि यूपी में अब हर दिशा में लिखा है — “अब नाम में क्या रखा है, यही तो राजनीति का असली स्वाद है!”
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