
कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में भारतीय नौसेना के 26 वर्षीय अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शहीद हो गए। विनय नरवाल ने अभी 16 अप्रैल को शादी की थी और 19 अप्रैल को रिसेप्शन हुआ था। शादी के बाद वो अपनी पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून पर कश्मीर गए थे, जहां बैसारन घाटी में हुए इस हमले ने उन्हें हमेशा के लिए छीन लिया।
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विनय मूलतः हरियाणा के करनाल ज़िले के भुसली गांव से थे और शहर के सेक्टर 7 में रहते थे। उनकी पत्नी गुरुग्राम की रहने वाली हैं और पीएचडी कर रही हैं। परिवार के अनुसार, विनय स्विट्ज़रलैंड जाना चाहते थे, लेकिन वीज़ा न मिलने पर उन्होंने कश्मीर जाने का निर्णय लिया।
उनके दादा हवा सिंह नरवाल ने मीडिया से कहा, “अगर उसे गोली ना लगी होती, तो दो-चार आतंकियों को जरूर पछाड़ देता।” उन्होंने मांग की कि आतंकवादियों को पकड़ कर कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए।
विनय के पड़ोसी और रिश्तेदारों में शोक की लहर है। स्थानीय विधायक जगमोहन आनंद ने कहा कि देश आक्रोशित है और आतंकवादियों को चुन-चुन कर बदला लिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की यात्रा बीच में छोड़कर भारत वापसी की है और श्रीनगर पहुंच रहे हैं।
नरवाल की पत्नी हिमांशी के पास अब बस यादें रह गई हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक तस्वीर में वो विनय के पार्थिव शरीर के पास ज़मीन पर बैठी शोकमग्न दिख रही हैं — एक नई दुल्हन, जिसकी आंखों में अब सिर्फ आंसू हैं।
विनय के दोस्त ने बताया कि उनका जन्मदिन 1 मई को था और उन्होंने प्लान किया था कि हनीमून से लौटकर वो घर पर जन्मदिन मनाएंगे। मगर किसे पता था कि ये हनीमून उनकी अंतिम यात्रा बन जाएगा।
भारतीय नौसेना के अनुसार, “चीफ़ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी समेत पूरे बल को विनय नरवाल की शहादत पर गहरा दुख है।”
हमले में क्या हुआ?
बैसारन घाटी में मंगलवार को हुए इस हमले में दो विदेशी नागरिकों समेत 26 लोगों की मौत हुई है। कई घायल हैं, जिन्हें अनंतनाग मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे हाल के वर्षों का सबसे बड़ा आतंकी हमला बताया है जिसमें आम नागरिकों को निशाना बनाया गया।
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लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत सिर्फ एक जवान की नहीं, बल्कि एक सपने की भी मौत है — एक नए जोड़े के सपनों की, एक बेटे के अरमानों की, एक देशभक्त की जो अपने देश के लिए जीता और शहीद हो गया। देश को अब इस हमले का जवाब उसी तीव्रता से देना होगा जिस साहस से विनय जीया।