कामदा एकादशी: पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएँ, महत्व और पूजा विधि

कामदा एकादशी का महत्व
कामदा एकादशी हिन्दू धर्म में एक प्रमुख और पवित्र पर्व है, जिसे विशेष श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। यह एकादशी विशेष रूप से सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली मानी जाती है, इसलिए इसे ‘कामदा’ एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से व्यक्ति को सुख, शांति, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को रखने से सभी पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कामदा एकादशी का समय
कामदा एकादशी चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आती है और इसे वर्ष की पहली एकादशी माना जाता है। यह विशेष रूप से एक ऐसा दिन होता है, जब भगवान विष्णु की पूजा से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

पूजन विधि
कामदा एकादशी के दिन प्रात:काल स्नान कर व्रत का संकल्प लिया जाता है। इसके बाद दिनभर भगवान विष्णु के नाम का स्मरण, व्रत कथा का पाठ, भजन-कीर्तन और रात्रि जागरण किया जाता है। श्रद्धालु इस दिन अन्न-जल का त्याग कर, फलाहार करते हुए व्रत रखते हैं।

पारण और समापन
अगले दिन द्वादशी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है, जिससे व्रत का समापन होता है। इस दिन श्रद्धालु भगवान विष्णु जी की विधिवत पूजा करते हैं और सुख, शांति, समृद्धि तथा मोक्ष की कामना करते हैं।

निष्कर्ष
कामदा एकादशी एक अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण पर्व है, जो न केवल भक्तों को धार्मिक सुख और शांति प्रदान करता है, बल्कि उनके जीवन को हर प्रकार की समृद्धि और आशीर्वाद से भी भर देता है।

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