
पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई तेज़ हो गई है। जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उन्होंने पाकिस्तान के FT (Foreign Terrorist) मॉड्यूल की पोल खोल दी है। इस मॉड्यूल के ज़रिए ISI विदेशी आतंकियों को ट्रेनिंग देकर कश्मीर में घुसपैठ करवाता है।
डिजिटल अम्मा का प्रवचन सुनिए: साइबर सेफ्टी में ही मोक्ष है!
विदेशी आतंकियों का आंकड़ा चौंकाने वाला
साल 2024 में घाटी में कुल 68 आतंकियों को मारा गया, जिनमें से 42 विदेशी थे। यानी कुल आतंकियों का दो-तिहाई हिस्सा पाकिस्तान से भेजे गए थे। ये आतंकी या तो LoC पार करते वक्त मारे गए या फिर कश्मीर के अंदर सेना की कार्रवाइयों में ढेर हुए।
बारामुला बना आतंकियों का कब्रिस्तान
उत्तर कश्मीर के बारामुला ज़िले में सबसे ज़्यादा मुठभेड़ें हुईं। अकेले बारामुला में 9 मुठभेड़ों में 14 विदेशी आतंकी मारे गए। वहीं, जम्मू क्षेत्र में 40 में से 35–36 आतंकी विदेशी निकले।
स्थानीय भर्ती में भारी गिरावट
एक ओर जहां विदेशी आतंकियों की घुसपैठ बढ़ी, वहीं कश्मीर के स्थानीय युवाओं की आतंकी संगठनों में भर्ती तेजी से घटी है:
2021: 125 स्थानीय युवक आतंकी बने
2022: 100
2023: 22
2024: सिर्फ 7 युवक
इस गिरावट ने साफ कर दिया कि अब कश्मीर के युवा आतंकवाद से दूरी बना रहे हैं।
ISI का गेमप्लान: संगठन बदला, एजेंडा नहीं
स्थानीय कमी की भरपाई के लिए पाकिस्तान अब TRF (The Resistance Front), PAFF (People’s Anti-Fascist Front), और कश्मीर टाइगर्स जैसे संगठन बना रहा है, जो LeT और JeM के ही नए चेहरे हैं। इनका मकसद आतंकवाद को “लोकल” दिखाकर भारत को बदनाम करना है।
सुरक्षा एजेंसियों की रणनीति
NIA, IB, और आर्मी अब FT मॉड्यूल के लोकल नेटवर्क पर फोकस कर रही हैं — जो इन विदेशी आतंकियों को ठिकाने, लॉजिस्टिक्स और स्लीपर सेल नेटवर्क मुहैया कराते हैं। पूछताछ में कई ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) सामने आए हैं, जिनसे अहम सुराग मिले हैं।
पाकिस्तान की चाल बेनकाब, सतर्कता जारी
कश्मीर में अब आतंक का चेहरा बदल रहा है — लोकल नहीं, बल्कि विदेशी एजेंडा हावी हो रहा है। लेकिन सेना की मुस्तैदी, जांच एजेंसियों की कार्रवाई और स्थानीय लोगों की सतर्कता इस आतंकवादी परियोजना को नाकाम करने में सफल हो रही है।
“अब लड़ाई सिर्फ बंदूक से नहीं, डेटा, नेटवर्क और दृढ़ इच्छा से लड़ी जा रही है। पाकिस्तान का ‘FT प्लान’ भारत की ‘RT (Real Tactic)’ के सामने धराशायी हो रहा है।”
“डर्टी गेम” की कबूलियत: पाकिस्तान ने खुद माना, आतंकवाद पालने में रहा है ‘प्रॉक्सी मास्टर’