
भारत-पाक तनाव के बीच जैसे-जैसे हालात गर्म हो रहे हैं, देश के कई न्यूज चैनल अपने बुलेटिन में एयरस्ट्राइक वाले सायरन और ‘ब्रेकिंग न्यूज़ वॉर साउंड’ का हाई वॉल्यूम इस्तेमाल कर रहे हैं। अब गृह मंत्रालय ने इन मीडिया-वारियर्स को शांति का पाठ पढ़ाया है।
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गृह मंत्रालय (MHA) ने शनिवार को एक कड़ी एडवाइजरी जारी करते हुए न्यूज चैनलों से कहा है कि वो युद्ध जैसी आवाजें, खासकर हवाई हमले का सायरन, तुरंत बंद करें। कारण? “लोगों की असली आपात सायरन के प्रति संवेदनशीलता खत्म हो सकती है।”
‘डिजास्टर नहीं, डिस्कशन चल रहा है’ – सरकार का साफ संदेश
सरकार की एडवाइजरी में कहा गया है:
“नागरिक सुरक्षा तंत्र के अंतर्गत इस्तेमाल होने वाले एयर सायरन की आवाज़ का अनावश्यक उपयोग न किया जाए। यह जन-सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण ध्वनि संकेत है, और उसका मीडिया में बार-बार बजना लोगों की प्रतिक्रिया क्षमता को कमजोर कर सकता है।”
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कई चैनलों पर पाकिस्तान बॉर्डर से जुड़ी खबरों के साथ ‘Terror Alert’, ‘Strike Mode’, ‘Air Raid’, ‘Code Red’ जैसे ग्राफिक्स और हॉलीवुड स्टाइल म्यूज़िक चल रहा है, जिसे देखकर लोग भ्रमित हो रहे हैं।
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इस तरह के ‘हाई-डेसिबल ब्रॉडकास्ट’ न केवल जनता को गुमराह करते हैं, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों की रियल अलर्ट प्रणाली को भी कमजोर कर सकते हैं। भारत सरकार अब न्यूज़ एथिक्स बनाम न्यूज़ एंटरटेनमेंट के बीच संतुलन की मांग कर रही है।
अब से न्यूज चैनलों को करना होगा ये पालन:
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एयर सायरन जैसी ध्वनि का प्रयोग नहीं
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रिपोर्टिंग में संयम और सटीकता
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नागरिकों में भय न फैलाने की ज़िम्मेदारी
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केवल आधिकारिक स्रोतों पर आधारित सूचना
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