
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को झारखंड और पश्चिम बंगाल में कथित कोयला माफियाओं के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन छेड़ दिया। 40+ लोकेशंस पर एक साथ छापे — इतने छापे कि सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं, “ED का जीपीएस शायद Coal Belt मोड पर सेट है।”
एजेंसी इस पूरी कार्रवाई को PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत अंजाम दे रही है।
सीधे शब्दों में कहें तो— काले धन की जड़ तक पहुंचने का प्रयास।
झारखंड में 18 ठिकानों पर छापे: कोयला चोरी और तस्करी केस में कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, ED झारखंड में कोयला चोरी और कोयला तस्करी से जुड़े मामले में लगभग 18 ठिकानों पर तलाशी ले रही है। जांच वहीं शुरू हुई है, जहाँ कोयला निकलता है… और पैसा भी। स्थानीय narrative कुछ ऐसा है— “कोयले की डीलिंग में कालापन ज़्यादा है या नोटों में, ये अब ED बताएगी।”
बंगाल में ED की रफ्तार और तेज़: दुर्गापुर से कोलकाता तक छापे
पश्चिम बंगाल में ED ने एक साथ कई जिलों में मोर्चा खोल दिया—
- दुर्गापुर
- पुरुलिया
- हावड़ा
- कोलकाता
यहाँ भी कोयला माफिया नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। बंगाल में छापों की खबर फैलते ही मज़ाक हुआ— “ED बंगाल टूर पर है या राम-लक्ष्मण स्टाइल में लंका खंगालने निकली है?”

PMLA का मामला: मनी ट्रेल की खोज में जुटी एजेंसी
ED को शक है कि कोयला चोरी और तस्करी से बनी कमाई को मनी लॉन्ड्रिंग के ज़रिए सफेद किया जा रहा था। इसलिए यह सिर्फ छापा नहीं, बल्कि पूरे नेटवर्क को खंगालने का ऑपरेशन है।
जांच जारी, और बड़े नामों पर नज़र?
एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि सर्च अभी जारी है और आगे भी कई खुलासे हो सकते हैं। मतलब— “कोयले की धूल अभी और उड़ने वाली है।”
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