नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक लड़की के साथ रेप और उसकी अश्लील तस्वीरें खींचने के आरोपी फिल्म निर्देशक को अग्रिम ज़मानत देने से इंकार किया है। हाई कोर्ट ने सनोज मिश्रा नाम के फिल्म निदेशक की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि यह गिरफ्तारी के बाद किसी शख्स की जमानत अर्जी का मामला नहीं है।
यह एक फिल्म डायरेक्टर की अग्रिम जमानत अर्जी का मामला है। इस शख्स पर आरोप है कि उसने एक छोटे कस्बे से आने वाली, हीरोइन बनने की तमन्ना रखने वाली एक लड़की के साथ कई बार रेप किया। ऐसे केस में अग्रिम जमानत देने से समाज मे गलत संदेश जाएगा। लोगों के बीच धारणा बनेगी कि ऐसी लड़कियों का यौन शोषण करके भी, कोई बिना किसी सजा के बच सकता है।
गंभीर आरोप और कोर्ट की प्रतिक्रिया
इस मामले में फिल्म डायरेक्टर की ओर से दलील दी गई कि लड़की ने अपनी मर्जी से फिल्म डायरेक्टर के साथ सम्बंध बनाए थे। लड़की ने कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि एफआईआर गलतफहमी का नतीजा थी। और अगर इस केस में आरोपी को जमानत मिल जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि कोर्ट इस दलील से सन्तुष्ट नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि अभी इस केस में लड़की के जमानत पर कोई एतराज न होने के मद्देनजर वो जमानत नहीं दे सकता।
इस केस में आरोप यह है कि फिल्म डायरेक्टर ने लड़की के अश्लील फोटो और वीडियो बनाए है और उसकी बात न मानने की सूरत में उन्हें सार्वजनिक करने की धमकी दी है। ऐसे में कोर्ट को नहीं लगता कि लड़की अपनी मर्जी से (बिना किसी दबाव) जमानत देने पर एतराज न होने की बात कह रही है।
कोर्ट ने कहा कि इस केस में लड़की का कई बार गर्भपात कराया गया है। उसके बारे में जानकारी लेने और अश्लील वीडियो/ फोटो हासिल करने के लिए पुलिस कस्टड़ी में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। इसलिए कोर्ट अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर रहा है।
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