
ईरान के चाबहार बंदरगाह पर लागू अमेरिकी प्रतिबंधों से भारत को 6 महीने की अस्थायी छूट मिली है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि — “हमें उस बंदरगाह पर लागू अमेरिकी प्रतिबंधों से छह महीने की अवधि के लिए छूट दी गई है।”
यह राहत ऐसे समय पर आई है जब अमेरिका ने सितंबर 2024 के अंत में चाबहार से जुड़े कई संस्थानों पर प्रतिबंध लगा दिए थे।
भारत-ईरान की साझेदारी: व्यापार और रणनीति का संगम
भारत ने ईरान के साथ 13 मई 2024 को चाबहार पोर्ट के संचालन के लिए 10 साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था।
यह समझौता भारत को मध्य एशिया और यूरोप से जोड़ने वाले International North-South Transport Corridor (INSTC) में महत्वपूर्ण स्थान देता है।
चाबहार बंदरगाह, ओमान की खाड़ी पर स्थित है और यह भारत के लिए एक रणनीतिक गेटवे की तरह काम करता है — जिससे पाकिस्तान को बायपास कर सीधे अफ़गानिस्तान, ईरान और मध्य एशिया तक व्यापार आसान बनता है।
रंधीर जायसवाल का बयान
जायसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि — “भारत का उद्देश्य इस पोर्ट के माध्यम से व्यापार और कनेक्टिविटी बढ़ाना है। हमें जो राहत मिली है, वह हमारे दीर्घकालिक हितों के अनुरूप है।”
उनके अनुसार, यह छूट भारत की कूटनीतिक सफलता और अमेरिका के साथ भरोसेमंद संबंधों का प्रमाण है।

चाबहार का महत्व: Why It Matters for India
- यह भारत का पहला विदेशी बंदरगाह प्रबंधन प्रोजेक्ट है।
- INSTC (International North-South Transport Corridor) में यह मुख्य ट्रेड रूट का हिस्सा है।
- इससे भारत की यूरोप तक सीधी पहुंच संभव होती है, जिससे रूस और ईरान को भी रणनीतिक लाभ मिलता है।
- यह चीन के ग्वादर पोर्ट (पाकिस्तान में) के समानांतर भारत की काउंटर स्ट्रैटेजी मानी जाती है।
अमेरिका की सॉफ्ट डिप्लोमेसी या भारत की हार्ड नेगोशिएशन?
कूटनीतिक हलकों में चर्चा है कि यह छूट भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति से जुड़ी है।
“Washington भी जानता है कि अगर चाबहार ठप हुआ, तो INSTC का सपना भी अधूरा रहेगा।”
“जब दुनिया सैंक्शन में उलझी थी, भारत ने कहा — छूट दो यार, हमें सिर्फ ट्रांजिट चाहिए!
अमेरिका बोला — ठीक है, लेकिन सिर्फ छह महीने के लिए!”
भारत की यह कूटनीतिक उपलब्धि न केवल उसके वाणिज्यिक हितों को सुरक्षित करती है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि भारत अब “पैसिव ऑब्जर्वर” नहीं, बल्कि “एक्टिव प्लेयर” है वैश्विक रणनीति में।
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