
जनपद बहराइच की मशहूर चिलवरिया शुगर मिल पर आखिरकार सरकार का चाबुक चला है। गोंडा-बहराइच मार्ग पर स्थित शिंभावली शुगर लिमिटेड, चिलवरिया को सरकार ने दिवालिया घोषित कर दिया है।
कारण? — लगभग 20 हजार गन्ना किसानों का ₹103 करोड़ बकाया जो पिछले दो सालों से “मीठा वादा” बनकर रह गया था।
सरकार का एक्शन मोड: “नो पेमेंट, नो क्रशिंग!”
गन्ना विभाग ने साफ कहा — जब तक किसानों का बकाया नहीं चुकाया जाएगा, इस सीजन में गन्ना पेराई (crushing) की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिला गन्ना अधिकारी आनंद शुक्ला के मुताबिक, “मामला NCLT कोर्ट में विचाराधीन है। मंगलवार को अंतिम फैसला आने के बाद भुगतान प्रक्रिया शुरू की जाएगी।”
घाटे में डूबी चीनी मिल, मीठा बिजनेस हुआ फीका
बहराइच सांसद आनंद गौंड ने बताया कि पिछले दो वर्षों से यह मील लगातार घाटे में चल रही थी। प्रशासन और कंपनी प्रबंधन के बीच रस्साकशी जारी रही, लेकिन नुकसान का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ा।
अब सरकार ने किसानों को सलाह दी है कि वे आसपास की अन्य मिलों में गन्ना सप्लाई करें, ताकि उनका फसल नुकसान न हो।

किसानों का दर्द: “गन्ना हमारा, पैसा तुम खाओ?”
गांवों में किसान अब कह रहे हैं — “हमने खेत से मिठास उगाई, लेकिन मिल वालों ने कड़वाहट परोस दी!”
103 करोड़ रुपये बकाया रहने से गांव की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। अब सबकी निगाहें कोर्ट के फैसले और सरकार की सख्ती पर टिकी हैं।

 
			 
                             
                            