
रविवार को अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर ऐलान किया कि अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया है। यह घोषणा दुनिया भर के लिए चौंकाने वाली रही। ईरान ने इन हमलों की पुष्टि की और अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसकी कड़ी प्रतिक्रिया दी।
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ईरान की तीखी प्रतिक्रिया: यूएन चार्टर का उल्लंघन बताया
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची ने अमेरिका पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये हमला न सिर्फ एक संप्रभु राष्ट्र पर सीधा आक्रमण है, बल्कि इससे क्षेत्रीय और वैश्विक शांति को गंभीर खतरा है।
अमेरिका के अंदर से भी उठे विरोध के सुर
ट्रंप के इस कदम की अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के कई नेताओं ने निंदा की है। उनका मानना है कि यह निर्णय बिना कांग्रेस की मंजूरी के लिया गया और इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका की छवि को नुकसान पहुंचा है।
मुस्लिम और अरब देशों में नाराज़गी
मुस्लिम और अरब देशों ने भी ट्रंप के इस निर्णय की तीखी आलोचना की है। उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून और नैतिकता का खुला उल्लंघन करार दिया।
दुनिया भर में भड़का विरोध: भारत से लेकर कोरिया तक प्रदर्शन
अमेरिका के इस कदम के विरोध में दुनिया भर में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं:
कोलकाता, भारत: सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर अमेरिका और इसराइल के खिलाफ प्रदर्शन किया और ट्रंप व नेतन्याहू के पुतले जलाए।
सियोल, दक्षिण कोरिया: लोगों ने अमेरिका और ट्रंप के खिलाफ मार्च निकाला और इस हमले को अस्वीकार्य बताया।
कराची, पाकिस्तान: प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी झंडा जलाकर ईरान के साथ एकजुटता दिखाई।
क्या ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय संतुलन बिगाड़ा?
ईरान पर अमेरिकी हमले ने वैश्विक राजनीति में नया तूफान खड़ा कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले को जहां कुछ लोग ‘मजबूत नेतृत्व’ कह रहे हैं, वहीं बहुसंख्यक इसे अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा मान रहे हैं। विरोध प्रदर्शनों की लहर इस बात का संकेत है कि यह मुद्दा अब केवल अमेरिका और ईरान का नहीं रहा – पूरी दुनिया इसमें शामिल हो चुकी है।