Air India AI 171 क्रैश में 274 की मौत, जांच में तोड़फोड़ की आशंका

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

12 जून को लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171, बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8, अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस भयावह हादसे में 274 लोगों की मौत हो गई – जिसमें 242 यात्री, चालक दल के सदस्य और जमीन पर मौजूद लोग शामिल थे। सिर्फ एक व्यक्ति इस हादसे में जीवित बच पाया।

क्या ब्लैक बॉक्स खोलेगा रहस्य?

केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने एक निजी चैनेल से बातचीत में कहा कि विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) इस मामले की सभी कोणों से जांच कर रहा है, जिसमें तोड़फोड़ (Sabotage) की संभावना भी शामिल है।
AI 171 का ब्लैक बॉक्स, जिसमें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) होता है, AAIB के पास सुरक्षित है और इसे देश के बाहर नहीं भेजा जाएगा।

हादसे के तुरंत बाद क्या हुआ?

विमान दोपहर करीब 1:30 बजे टेकऑफ के बाद तुरंत ही ऊंचाई खो बैठा और मेघानीनगर में BJ मेडिकल कॉलेज के क्वार्टर पर गिर गया। इसके बाद जोरदार धमाका हुआ और विमान में आग लग गई, जिससे आसमान में काले धुएं का गुबार फैल गया। हादसे में नौ मेडिकल छात्र और उनके रिश्तेदार भी मारे गए।

दो इंजन बंद – दुर्घटना की अनोखी वजह

मंत्री मोहोल ने इसे “दुर्लभ मामला” करार दिया और कहा कि दोनों इंजन एक साथ बंद हो जाना सामान्य नहीं है। विशेषज्ञों और पायलटों के अनुसार, डुअल इंजन फेल्योर इस दुर्घटना की मुख्य वजह हो सकता है। अब जांच से पता चलेगा कि कारण इंजन में तकनीकी खराबी, ईंधन की आपूर्ति में बाधा, या कोई बाहरी हस्तक्षेप था।

रिपोर्ट जल्द – लेकिन इंतजार जरूरी

जांच एजेंसियां सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी डेटा और कॉकपिट की रिकॉर्डिंग की गहन समीक्षा कर रही हैं। मोहोल ने कहा कि रिपोर्ट तीन महीने में आएगी, लेकिन तब तक अटकलें लगाना ठीक नहीं होगा।

AI 171 विमान हादसा भारतीय विमानन इतिहास की एक बड़ी त्रासदी है। जांच रिपोर्ट से ही साफ होगा कि यह एक तकनीकी चूक थी या जानबूझकर की गई कोई साजिश। ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग और इंजनों की तकनीकी जांच इस पहेली को सुलझाने में अहम भूमिका निभाएंगे।

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