
उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन से जुड़े मामलों पर सरकार और हिंदू संगठन लगातार सख्त रुख अपनाए हुए हैं।
इसी क्रम में विश्व हिंदू रक्षा परिषद की ओर से लखनऊ के शिव भोला मंदिर में ‘घर वापसी’ का आयोजन किया गया, जिसमें 15 लोगों ने दोबारा हिंदू धर्म अपनाया।
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मंत्रोच्चारण और भगवा गमछे में वापसी
कार्यक्रम में शामिल सभी 15 लोगों को हिंदू रीति-रिवाजों के साथ पूजा-पाठ कर माला पहनाई गई। इनमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल थे। भगवा गमछा ओढ़कर, माथे पर तिलक लगाकर उन्होंने “जय श्री राम” के नारे लगाए।
मंदिर में शंखनाद के साथ हुई इस घर वापसी के दौरान पुलिस सुरक्षा भी मुहैया कराई गई।
किसने कराई घर वापसी?
विश्व हिंदू रक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने बताया कि जिन लोगों ने धर्म परिवर्तन किया था, उनकी ‘घर वापसी’ कराई गई है।
इनमें औरैया की मानवी शर्मा (जैनब), सहारनपुर के सोनू और रानी, सिद्धार्थनगर की मालती, मुरादाबाद की रीना, बलरामपुर की पल्लवी, मन्नत, आब्दी, हरजीत कश्यप, संचित, गौतम, रामनरेश मौर्य, नरेंद्र मिश्रा, हरजीत सिंह और मूर्ति देवी शामिल हैं।
छांगुर बाबा पर गंभीर आरोप
गोपाल राय ने दावा किया कि बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र में छांगुर बाबा उर्फ मोहम्मद अहमद खान ने धार्मिक लालच और दबाव से धर्म परिवर्तन करवाया। महिलाओं का निकाह भी करवाया गया। उनका कहना है कि छांगुर और उनके सहयोगी विदेशी फंडिंग से धर्म परिवर्तन का नेटवर्क चलाते हैं।
गजवा-ए-हिंद से जुड़े होने का आरोप
विश्व हिंदू रक्षा परिषद का दावा है कि छांगुर बाबा और अब्दुल माबूद रजा का संबंध कथित तौर पर गजवा-ए-हिंद की विचारधारा से है।
उनके तार कमलेश तिवारी और चंदन गुप्ता हत्याकांड से भी जोड़े जा रहे हैं। हालांकि अभी इन आरोपों की पुष्टि सरकार या न्यायिक प्रक्रिया द्वारा नहीं की गई है।
कार्रवाई की मांग
गोपाल राय ने कहा कि इन मामलों में STF और यूपी पुलिस द्वारा FIR दर्ज होने के बावजूद गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। उन्होंने इस पर सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
लखनऊ में आयोजित घर वापसी कार्यक्रम ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन बनाम घर वापसी की बहस को तेज कर दिया है।
जहां एक ओर सरकार कानूनी रूप से कार्रवाई कर रही है, वहीं दूसरी ओर हिंदू संगठन सक्रिय अभियान चला रहे हैं।