
अहमदाबाद में 12 जून को हुए Air India के ड्रीमलाइनर विमान क्रैश में 241 लोगों की जान चली गई थी। अब जांचकर्ताओं को आशंका है कि विमान के दोनों इंजन एक साथ फेल हो गए थे, जो इसे हवा में टिके रहने से रोकने के लिए काफी था।
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RAT चालू हुआ, यानी कुछ बहुत गड़बड़ था!
क्या हुआ था उड़ान के दौरान?
जांच में सामने आया कि हादसे से कुछ सेकंड पहले Emergency Power Turbine (RAT) चालू हो गया था। ये तभी होता है जब विमान की मुख्य बिजली या हाइड्रोलिक सिस्टम फेल हो जाए। इसका मतलब – कोई गंभीर तकनीकी गड़बड़ी जरूर थी।
सिम्युलेटर टेस्ट में सामने आई सच्चाई
सिर्फ सेटिंग्स से क्रैश नहीं हो सकता, Air India के पायलटों ने एक सिम्युलेटर में हादसे जैसी स्थिति दोहराई – लैंडिंग गियर नीचे, विंग फ्लैप ऊपर। लेकिन विमान क्रैश नहीं हुआ। यानि हादसा सिर्फ इन सेटिंग्स से नहीं, बल्कि तकनीकी या सिस्टम फेलियर से हुआ होगा।
FADEC सिस्टम और GE इंजन सवालों के घेरे में
क्या हुआ FADEC सिस्टम से?
बोइंग 787 के इंजन FADEC (Full Authority Digital Engine Control) सिस्टम से नियंत्रित होते हैं। यह पूरी तरह से डिजिटल है और इंजन की शक्ति को कंट्रोल करता है। अगर इसमें बिजली या सॉफ्टवेयर फेलियर हो जाए, तो इंजन एक साथ बंद हो सकते हैं।
GE इंजन पर सवाल, लेकिन जवाब अभी लंबित
हादसे में GE कंपनी के दो इंजन लगे थे। GE और Boeing दोनों ने AAIB को जवाब सौंप दिए हैं, लेकिन सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा।
फ्लाइट रिकॉर्डर का इंतज़ार, लेकिन कुछ हिंट साफ हैं
Flight Data Recorder से मिलेगा पूरा सच
अब जांचकर्ता फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) से जानकारी निकाल रहे हैं। इसमें इंजन प्रदर्शन, पायलट की बातचीत और सारे सिस्टम के डेटा होते हैं।
मेडे कॉल और सिर्फ 15 सेकंड की मोहलत
Mayday कॉल से टकराव तक केवल 15 सेकंड
पायलटों ने टेकऑफ के तुरंत बाद मेडे सिग्नल भेजा, लेकिन हादसे और कॉल के बीच सिर्फ 15 सेकंड का समय था। यानी हालात बहुत तेजी से बिगड़े थे।
बोइंग और NTSB की टीमें भी जांच में शामिल
भारत की AAIB के साथ अमेरिका की NTSB भी मदद में
जांच में अब अमेरिका की National Transportation Safety Board (NTSB) और Boeing की टीमें भी शामिल हो गई हैं। यह भारत में हुआ सबसे बड़ा विमान हादसा है, और बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का भी पहला क्रैश।
एक हादसा, कई सवाल – और जवाब जल्द
12 जुलाई से पहले आ सकती है शुरुआती रिपोर्ट
जांचकर्ताओं का फोकस अब इंजन, हाइड्रोलिक्स और इलेक्ट्रिकल फेलियर पर है। अगर दोनों इंजन एक साथ फेल हुए, तो ये न केवल तकनीकी, बल्कि मैन्युफैक्चरिंग और सुरक्षा प्रोटोकॉल पर भी गंभीर सवाल खड़े करेगा।
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