गाजर का हलवा और गुरुत्वहीनता – अंतरिक्ष से आई भारत की महक

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

41 साल बाद भारत ने फिर अंतरिक्ष में कदम रखा है और इस बार भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने यह उपलब्धि हासिल की है। वे इस समय Axiom 4 मिशन के तहत NASA और SpaceX के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी की दिल को छूने वाली बातचीत

शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष में मौजूद शुभांशु से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा, आप भारत भूमि से सबसे दूर हैं, लेकिन हर भारतीय के दिल के सबसे करीब हैं।

प्रधानमंत्री ने देशवासियों की भावनाएं उन तक पहुंचाईं और इस यात्रा को “नए युग का शुभारंभ” बताया।

शुभांशु का जवाब: ये सिर्फ मेरी नहीं, देश की यात्रा है

शुभांशु शुक्ला ने विनम्रता से जवाब दिया, यह यात्रा मेरी नहीं, पूरे भारत की है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अंतरिक्ष यात्री बनूंगा। लेकिन आज का भारत सपनों को हकीकत में बदलने का अवसर देता है।

ISS में भारत की मिठास – गाजर का हलवा और आमरस

प्रधानमंत्री ने जब पूछा कि “क्या गाजर का हलवा साथियों को खिलाया?”, तो शुभांशु मुस्कुराए और बोले, जी प्रधानमंत्री जी! मैं गाजर का हलवा, मूंगदाल का हलवा और आमरस लाया हूं। सभी ने मिलकर स्वाद लिया – उन्हें भारत की मिठास बेहद पसंद आई।

धरती की परिक्रमा और 16 सूर्योदय

शुभांशु ने बताया कि ISS हर दिन पृथ्वी की 16 बार परिक्रमा करता है। जब पहली बार पृथ्वी को देखा तो सबसे बड़ी बात यह थी – कोई सीमा नहीं दिखती। भारत मानचित्र से भी बड़ा और भव्य दिखता है।

कौन हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला?

2006: भारतीय वायुसेना में लड़ाकू पायलट के रूप में सेवा की शुरुआत

2019: गगनयान मिशन के लिए चुने गए

रूस में प्रशिक्षण: यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर

2025: स्पेसएक्स के तहत एडवांस्ड ट्रेनिंग पूरी की

माता-पिता की आंखों में गर्व के आंसू

माता आशा शुक्ला ने भावुक होकर कहा, ये खुशी के आंसू हैं। बहुत गर्व की बात है।

पिता शंभू दयाल शुक्ला बोले, हमारी दुआएं और आशीर्वाद शुभांशु के साथ हैं।

Axiom-4: भारत का भविष्य की ओर उड़ान

Axiom-4 मिशन में शुभांशु के साथ तीन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री हैं – पोलैंड के स्लावोश, हंगरी के टोबूर और मिशन कमांडर पेग्गी व्हिटसन। यह दल दो हफ्ते तक ISS पर वैज्ञानिक प्रयोग करेगा।

सपनों की उड़ान, भारत की पहचान

यह सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्रा नहीं, बल्कि भारत के आत्मविश्वास, वैज्ञानिक प्रगति और युवा शक्ति का प्रतीक है। शुभांशु शुक्ला का यह मिशन करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणा बन गया है।

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