
ईरान और इज़राइल के बीच 12 दिनों तक चले युद्ध के समाप्त होने के तुरंत बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराग़ची से फोन पर बातचीत की।
बातचीत का मकसद था – क्षेत्रीय हालात की समीक्षा और भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी पर आभार व्यक्त करना।
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ईरान की सोच साझा करने के लिए धन्यवाद– जयशंकर
जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर जानकारी देते हुए लिखा, आज दोपहर ईरान के विदेश मंत्री अराग़ची से बात हुई। मौजूदा जटिल हालात पर ईरान का नज़रिया और सोच साझा करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
भारत ने समय रहते निकाले अपने नागरिक
ईरान-इज़राइल तनाव के चरम पर पहुंचने के दौरान भारत सरकार ने वहां फंसे कई भारतीयों को सुरक्षित निकालने का अभियान चलाया था। इस ऑपरेशन में ईरानी अधिकारियों का सहयोग अहम रहा। जयशंकर ने इस मदद के लिए ईरानी नेतृत्व को धन्यवाद दिया।
डिप्लोमेसी का संतुलन – भारत की विदेश नीति की परीक्षा
ईरान और इज़राइल के बीच लंबे समय से चले आ रहे टकराव में भारत ने संतुलन की कूटनीति अपनाई है। भारत दोनों देशों के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखना चाहता है – एक तरफ ईरान से ऊर्जा संबंध, दूसरी ओर इज़राइल से रक्षा और तकनीकी सहयोग।
जब जंग हो, तो दोस्ती निभाना भी एक स्ट्रैटेजी है
भारत ने एक बार फिर साबित किया कि जब संकट आए, तो मदद की डिप्लोमेसी ही असली डिप्लोमेसी होती है। जयशंकर और अराग़ची की बातचीत सिर्फ एक फोन कॉल नहीं, बल्कि बॉर्डर पार रिश्तों को बचाने की कोशिश भी है।
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