
डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस की सत्ता दोबारा संभाली, तब उन्होंने खुद को ‘शांति-दूत’ कहा था। लेकिन अब जून के महीने में, वह मध्य पूर्व में एक ऐसे युद्ध की अगुवाई कर रहे हैं जो पूरी दुनिया के लिए भयावह संकेत लेकर आया है।
ईरान पर ट्रंप का हमला: ‘शांति-दूत’ से युद्ध नेता तक का सफर
युद्ध की शुरुआत: इसराइल और ईरान में खुला टकराव
IDF का ऐलान: ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला शुरू
इसराइली डिफ़ेंस फ़ोर्स (IDF) ने पश्चिमी ईरान के कई सैन्य ठिकानों पर हमले की पुष्टि की। उनका दावा है कि उन्होंने उन मिसाइल लॉन्चर्स को भी नष्ट किया जो इसराइल की तरफ़ निशाना साधे हुए थे। आज सुबह IDF ने मिसाइल लॉन्चर्स और ईरानी सैनिकों को लक्ष्य बनाया।
ईरान का जवाबी हमला: बेन गुरियन एयरपोर्ट समेत कई ठिकाने निशाने पर
ईरान की सरकारी मीडिया के मुताबिक़, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (IRGC) ने लंबी दूरी की मिसाइलों से इसराइल के प्रमुख केंद्रों पर हमला किया है:
बेन गुरियन इंटरनेशनल एयरपोर्ट
सेना का कमांड और कंट्रोल ऑफिस
जैविक रिसर्च सेंटर
IAEA की रिपोर्ट: “अभी तक कोई रेडिएशन नहीं”
IAEA के मुताबिक, फोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान में अभी रेडिएशन का स्तर सामान्य है। हालांकि, एजेंसी लगातार स्थिति पर नज़र रख रही है।
ईरान का दावा: अमेरिका ने शांतिपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाया
ईरानी परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) ने कहा कि अमेरिका ने उन ठिकानों पर हमला किया जहां केवल शांतिपूर्ण अनुसंधान चल रहा था।
इन्होंने IAEA पर भी “तटस्थ न रहने” का आरोप लगाया।
अमेरिकी हमले में शामिल हथियार: बी-2 बॉम्बर्स और GBU-57
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए बताया कि अमेरिका ने:
फोर्दो
नतांज़
इस्फ़हान
पर “सटीक और प्रभावी” बमबारी की है। ईरान अब या तो शांति अपनाए या अकल्पनीय विनाश के लिए तैयार रहे।
महाभियोग की मांग तक उठी
डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसदों का कहना है कि ट्रंप ने कांग्रेस की अनुमति के बिना युद्ध शुरू कर दिया, जो कि अमेरिका के संविधान का उल्लंघन है।
अलेक्ज़ेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज़ – “महाभियोग लायक अपराध”
रशीदा तालिब – “हम फिर से युद्ध के झांसे में नहीं आएंगे”
जिम मैकगवर्न – “ग़ैरक़ानूनी कार्रवाई”
यूएन महासचिव की चेतावनी: “यह संघर्ष नियंत्रण से बाहर हो सकता है”
एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि अगर यह संघर्ष और फैला, तो यह पूरे क्षेत्र, नागरिकों और दुनिया के लिए घातक हो सकता है। उन्होंने कहा, “इस संकट का समाधान सैन्य नहीं, कूटनीतिक होना चाहिए।”
इसराइल की भूमिका: खुलकर सामने आया साथ
इसराइली विदेश मंत्री गिदोन सार ने ट्रंप की “साहसिक कार्रवाई” की तारीफ़ करते हुए इसे “इतिहास में दर्ज होने वाला फैसला” कहा। यह कदम नेतन्याहू और ट्रंप की साझेदारी का परिणाम है।
युद्ध का अगला चरण: क्या ईरान की जवाबी कार्रवाई और भी तेज़ होगी?
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची ने कहा कि “ईरान के पास सभी विकल्प खुले हैं”। उनका सीधा इशारा एक और सैन्य जवाब की तरफ़ है। यूएन चार्टर की आत्मरक्षा की धारा के तहत ईरान कोई भी कदम उठाने के लिए स्वतंत्र है।
सिर्फ़ शुरुआत है
ट्रंप की इस कार्रवाई ने उन्हें अपने ही समर्थकों के बीच में भी आलोचना का निशाना बना दिया है। दुनिया एक ऐसे मोड़ पर खड़ी है जहां एक गलती पूरी सभ्यता के लिए विनाश ला सकती है।
ब्राह्मण कुल से ‘पंडित’ बनने तक: थोड़ा ज्ञान अर्जन भी ज़रूरी है मित्रों!