एयरलाइंस की नौकरी? बना दी बेवकूफी की कॉल- अब जाएंगे जेल

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी, साइबर एक्सपर्ट

लखनऊ में एक संगठित साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, जो एयरलाइंस में नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवाओं को ठग रहा था। शुरुआती जांच में सामने आया कि इस गिरोह ने करीब 2000 से अधिक युवाओं से लाखों रुपये की ठगी की है।

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ये फर्जी कॉल सेंटर एयर इंडिया, इंडिगो जैसी प्रतिष्ठित एयरलाइंस के नाम पर कॉल करते थे और नौकरी का भरोसा दिलाकर ₹2000 से ₹8000 तक की रकम ऐंठते थे।

इबर टीम की रेड, 9 युवक-युवतियाँ गिरफ्तार

लखनऊ पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने दो फर्जी कॉल सेंटरों पर छापा मारकर 9 युवक-युवतियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपी 20 से 28 वर्ष की उम्र के हैं और अधिकांश ने हाल ही में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है।

पुलिस ने इनके पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप, बैंक पासबुक, ATM कार्ड और रजिस्टर बरामद किए हैं, जिनमें सैकड़ों पीड़ितों की डिटेल मौजूद है।

10% कमीशन फिक्स था – ठगी में भी सिस्टम!

जांच में खुलासा हुआ है कि इन फर्जी कॉल सेंटरों में बाकायदा कमीशन सिस्टम लागू था। जैसे ही कोई बेरोजगार युवक पैसे भेजता, उस रकम का 10% कॉल करने वाले कर्मचारी को मिलता, जबकि शेष राशि गिरोह के मुख्य सरगना तक जाती थी।

फर्जी इंटरव्यू कॉल, जॉइनिंग लेटर और वेरिफिकेशन के नाम पर वसूली

आरोपी फर्जी कॉल के ज़रिए नौकरी का ऑफर देते थे।

पहले व्हाट्सएप या कॉल के ज़रिए इंटरव्यू का समय तय होता

फिर आता “सिलेक्शन हो गया है” का झांसा

उसके बाद फर्जी जॉइनिंग लेटर और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए ₹2000 से ₹8000 तक मांगे जाते

कई मामलों में पीड़ितों को कॉल करने के बाद उन्हें जॉब पोर्टल से हटा दिया जाता था, जिससे वे किसी से संपर्क भी न कर सकें।

सोशल मीडिया और नौकरी पोर्टल से चुराते थे डेटा

गिरोह के सदस्य बेरोजगार युवाओं का डेटा सोशल मीडिया प्रोफाइल्स, जॉब पोर्टल्स या डेटा ब्रोकर से हासिल करते थे।

फिर कॉल की जाती थी जिसमें कहा जाता:
“सर, आपकी प्रोफाइल एयरलाइंस के लिए शॉर्टलिस्ट हुई है। बस थोड़े डॉक्यूमेंट और फीस भेजिए, नौकरी पक्की समझिए!”

मास्टरमाइंड अब भी फरार, तलाश में जुटी पुलिस

इस फर्जीवाड़े का मुख्य मास्टरमाइंड फिलहाल फरार है। पुलिस उसके बैंक खातों, डिजिटल ट्रांजैक्शन और पुराने आपराधिक रिकॉर्ड की छानबीन कर रही है।

सूत्रों के मुताबिक, यह आरोपी पहले भी अन्य राज्यों में इसी तरह के ऑनलाइन फ्रॉड कर चुका है और उस पर कई केस दर्ज हैं।

पुलिस की चेतावनी: “सावधान रहें, वेरीफाई करें”

लखनऊ पुलिस ने लोगों को आगाह किया है कि:

किसी भी अनजान कॉल से नौकरी मिलने की सूचना पर सीधे पैसे ट्रांसफर न करें

संबंधित कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर सत्यापन करें

किसी भी संदिग्ध कॉल की तुरंत जानकारी साइबर सेल या पुलिस हेल्पलाइन को दें

हर जॉब कॉल भरोसेमंद नहीं होती

आज के दौर में डिजिटल माध्यमों से नौकरी पाना जितना आसान हुआ है, उतना ही फ्रॉड का खतरा भी बढ़ा है। ऐसे में जरूरी है कि हर जॉब कॉल को जांचे-परखे बिना उस पर यकीन न किया जाए।

“हर कॉल एक मौका नहीं होती, कभी-कभी वो धोखे की घंटी होती है!”

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