
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिष्टाचार मुलाकात करने पहुंचे। इस मुलाकात में वे गोरखपुर में प्रस्तावित ‘फॉरेस्ट एंड हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी’ के उद्घाटन समारोह के लिए राष्ट्रपति को औपचारिक निमंत्रण देंगे।
गोरखपुर की नई यूनिवर्सिटी: शिक्षा में एक नया अध्याय
यह यूनिवर्सिटी न सिर्फ पूर्वांचल बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक ऐतिहासिक परियोजना है। 621 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी क्षेत्र में उच्च शिक्षा को नया मुकाम देगी।
सीएम योगी का दिल्ली मिशन: एक खास दौरा
12:30 बजे गोरखपुर से रवाना होकर दोपहर 2:45 बजे उत्तर प्रदेश सदन पहुंचे। इसके बाद राष्ट्रपति से मुलाकात कर निमंत्रण सौंपा।
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हास्य से भरपूर संभावित कारण
राष्ट्रपति से ‘फॉरेस्ट’ की चर्चा, ताकि जंगल में ‘राजनीति’ की खबर पहुंचे!
क्या पता राष्ट्रपति को गोरखपुर का हरा-भरा जंगल देखकर सीधा ‘वन विभाग मंत्री’ बनना पड़ जाए!
दिल्ली के चक्कर से बचने के लिए ‘फॉरेस्ट’ का रास्ता चुना!
शहरी भाग-दौड़ में थोड़ा ताज़ा हवा लेने के लिए तो ये यूनिवर्सिटी ही सही जगह है।
मुख्यमंत्री का ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ – नयी यूनिवर्सिटी या ‘वनमाला’?
शायद योगी जी चाहते हैं कि उनकी यूनिवर्सिटी की छाया राजनीति के पेड़ों की तरह लंबी हो जाए।
राष्ट्रपति को आमंत्रण देना, मतलब ‘फॉरेस्ट ट्रीटमेंट’!
सियासी पत्तों की कटाई-छंटाई के बीच राष्ट्रपति को ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ के तौर पर न्योता देना।
योगी सरकार का बड़ा इरादा: उच्च शिक्षा को मजबूत करना
उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा का ढांचा मजबूत करना और गोरखपुर को शिक्षा का हब बनाना।
उद्घाटन समारोह की खास बात: राष्ट्रपति की मौजूदगी
30 जून को प्रस्तावित इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति की संभावना है, जो इस परियोजना की सफलता का सबूत होगी।
राजनीति और शिक्षा का संगम
योगी आदित्यनाथ का दिल्ली दौरा सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि राजनीतिक शतरंज की एक चाल है जिसमें ‘फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी’ का महत्व साफ़ झलकता है। साथ ही, इस दौरे में हरे-भरे वन और राजनीति का रंग दोनों ही देखे जा सकते हैं।