
केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalaya) पूरे देश में अपनी एक समान शिक्षा प्रणाली और उच्च गुणवत्ता के कारण प्रसिद्ध हैं। ये स्कूल मुख्य रूप से भारत सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं, लेकिन रिक्त सीटों और आरक्षण के आधार पर अन्य बच्चों को भी यहां प्रवेश मिलता है। मध्य प्रदेश में कई केंद्रीय विद्यालय मौजूद हैं जो शिक्षा, अनुशासन और समग्र विकास के लिए टॉप रैंक पर हैं। आइए जानते हैं इन स्कूलों के बारे में विस्तार से।
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केंद्रीय विद्यालय, जमाई – प्राथमिक स्तर की मजबूत शुरुआत
मध्य प्रदेश के जमाई में स्थित यह केंद्रीय विद्यालय साल 2016 में शुरू हुआ था। यह स्कूल कक्षा पहली से पांचवी तक ही सीमित है, लेकिन छोटे स्तर पर भी यह शिक्षा की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं छोड़ता। स्कूल पूरी तरह कोएड है और सीबीएसई सिलेबस के अनुरूप बच्चों को पढ़ाया जाता है। यदि आप चाहते हैं कि आपके बच्चे की शुरुआती शिक्षा अच्छी नींव पर हो, तो यह स्कूल एक बेहतर विकल्प है।
केंद्रीय विद्यालय, उमरिया – आधुनिक सुविधाओं से युक्त शिक्षण केंद्र
उमरिया में स्थित केंद्रीय विद्यालय की स्थापना 2010 में हुई थी। यह विद्यालय पहली से दसवीं कक्षा तक की शिक्षा प्रदान करता है और इसकी पहचान उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और आधुनिक सुविधाओं से होती है। स्कूल में विज्ञान और कंप्यूटर लैब, खेलकूद और एक्स्ट्रा करिकुलर गतिविधियों के लिए भी बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर है। छात्रों को संतुलित विकास देने के लिए यहां तकनीक और परंपरा का अच्छा मेल देखने को मिलता है।
केंद्रीय विद्यालय, शिवपुरी – कक्षा 12वीं तक की बेहतरीन शिक्षा व्यवस्था
1988 में स्थापित, शिवपुरी का केंद्रीय विद्यालय मध्य प्रदेश के पुराने और प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक है। यहां पहली से लेकर बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। स्कूल में आधुनिक कंप्यूटर लैब, साइंस लैब, लाइब्रेरी और बड़ा खेल मैदान उपलब्ध है। समय के साथ यहां शिक्षा में तकनीकी बदलाव भी अपनाए गए हैं, जिससे छात्र डिजिटल लर्निंग के साथ आगे बढ़ते हैं।
केंद्रीय विद्यालय, टीकमगढ़ – शिक्षा और संस्कृति का बेहतरीन संगम
टीकमगढ़ में स्थित केंद्रीय विद्यालय की शुरुआत 2011 में हुई थी। यह विद्यालय कक्षा पहली से दसवीं तक की शिक्षा प्रदान करता है। बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि संस्कृति और खेलकूद में भी बराबरी से निखारा जाता है। यहां अनुभवी शिक्षक विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान देते हैं, जिससे बच्चे आत्मविश्वासी और जिम्मेदार बनते हैं।
केंद्रीय विद्यालय, इंदौर – शैक्षणिक और तकनीकी उत्कृष्टता का केंद्र
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना 1986 में हुई थी। यहां कक्षा पहली से बारहवीं तक की पढ़ाई होती है। स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ खेल, संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम और तकनीकी शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाता है। यह विद्यालय समय के साथ बदला है और आज डिजिटल एजुकेशन से लैस एक मॉडर्न सेंट्रल स्कूल बन चुका है।
एडमिशन प्रक्रिया और प्राथमिकता व्यवस्था
मध्य प्रदेश के सभी केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन की प्रक्रिया एक जैसी होती है। सबसे पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होता है, फिर आवश्यक दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को प्राथमिकता दी जाती है, उसके बाद रिक्त सीटों पर अन्य छात्रों का चयन होता है। शिक्षा CBSE सिलेबस के अनुरूप होती है, जिससे यदि परिवार का ट्रांसफर होता है तो छात्र को दूसरी जगह पढ़ाई में कोई परेशानी नहीं होती।
केंद्रीय विद्यालय शिक्षा का एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां सरकारी बजट में भी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा, समान पाठ्यक्रम और अनुशासित वातावरण मिलता है। मध्य प्रदेश के इन टॉप KVs में एडमिशन दिलवाना बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।