
सुप्रीम कोर्ट ने सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी को उनके निर्वाचन क्षेत्र मऊ जाने के दौरान गाजीपुर स्थित घर में सीमित अवधि के लिए रहने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह राहत कुछ शर्तों के साथ दी गई है ताकि न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित न हो।
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जमानत शर्तों में हुआ संशोधन
जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने उस पुराने आदेश को संशोधित किया, जिसमें अंसारी को अंतरिम जमानत दी गई थी लेकिन कुछ पाबंदियों के साथ। अब संशोधित आदेश के अनुसार, अंसारी को:
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गाजीपुर में अधिकतम तीन रात तक रुकने की अनुमति है
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इस दौरान कोई सार्वजनिक बैठक या राजनीतिक गतिविधि करने की मनाही है
कोर्ट का संतुलित दृष्टिकोण
पीठ ने यह फैसला करते समय संतुलन बनाए रखा है ताकि:
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अंसारी को उनके जनप्रतिनिधि कर्तव्यों का पालन करने का अवसर मिले
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साथ ही कानूनी प्रक्रियाओं और शांति व्यवस्था पर कोई असर न पड़े
यह फैसला कोर्ट की उस नीति को दर्शाता है जिसमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सार्वजनिक हित के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की जाती है।
अब्बास अंसारी, जो कि माफिया से राजनेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे हैं, वर्तमान में मऊ विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उन पर विभिन्न मामलों में कार्यवाही जारी है, और इसीलिए उनकी जमानत शर्तें पहले काफी सख्त थीं।
इस आदेश के बाद यूपी की सियासत में हलचल तेज हो सकती है, क्योंकि अब्बास अंसारी लंबे समय बाद गाजीपुर में अपने घर पर कुछ दिन बिता सकेंगे। हालांकि कोर्ट की शर्तें यह सुनिश्चित करेंगी कि इसका राजनीतिक दुरुपयोग न हो।