
Azam Khan परिवार की मुश्किलें मानो खत्म होना ही नहीं चाहतीं। शुक्रवार को अब्दुल्ला आज़म को उस मामले में कोर्ट से सात साल की कड़क सजा मिली, जिसमें उन पर दो अलग-अलग पासपोर्ट रखने का आरोप था। साथ में ₹50,000 का फाइन भी लगा दिया गया—जैसे कोर्ट ने कहा हो, “शौक से दो पासपोर्ट रखिए, मगर कीमत भी चुकाइए!”
पहले जन्म प्रमाणपत्र, फिर PAN कार्ड, अब पासपोर्ट… ‘डॉक्यूमेंटेशन सीरीज’ लंबी होती जा रही है
यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले दो जन्म प्रमाणपत्र केस, दो PAN कार्ड केस। “Abdullah’s documentary universe is larger than MCU!”
Political Career पर ब्रेक?
इस सजा के बाद अब्दुल्ला का राजनीतिक भविष्य लगभग सील पैक होता दिख रहा है। जन्म प्रमाणपत्र विवाद के कारण वे पहले ही विधायकी गंवा चुके हैं, और अब यह सजा — मतलब चुनाव लड़ने के रास्ते अब virtually बंद।
उधर SP में भी माहौल टेंशन वाला, क्योंकि Azam Khan को पार्टी का बड़ा मुस्लिम चेहरा माना जाता है।
क्या था मामला? (Case Explained Simply)
2019 में रामपुर के BJP MLA आकाश सक्सेना ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अब्दुल्ला ने दो पासपोर्ट बनवाए दोनों पर अलग-अलग जन्मतिथि थी
पहला पासपोर्ट: 30 दिसंबर 1990
दूसरा पासपोर्ट: 1 जनवरी 1993

शिकायत के अनुसार, अब्दुल्ला ने जरूरत के हिसाब से “डायनमिक डेट ऑफ बर्थ” का इस्तेमाल किया। पुलिस ने जांच की, चार्जशीट फ़ाइल की, और केस विशेष MP/MLA कोर्ट में चला।
कोर्ट को इस “डुअल पासपोर्ट प्लान” में धांधली, जालसाजी और सरकारी दस्तावेज़ों के दुरुपयोग के सबूत मिले—और बस फिर हो गया 7 साल का फैसला!
SP और Azam Khan परिवार के लिए बड़ा झटका
Azam Khan खुद 100 से अधिक मुकदमों में जूझ रहे हैं। बेटे की यह सजा परिवार और सपा दोनों के लिए ताज़ा चोट की तरह है।
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