योगी: “शांति व सौहार्द के लिए सबको सनातन धर्म की शरण में आना पड़ेगा”

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री अन्नपूर्णा ऋषिकुल ब्रह्मचर्याश्रम कार्यक्रम के दौरान एक गंभीर संदेश देते हुए कहा कि अगर हमें शांति व सौहार्द का मार्ग प्रशस्त करना है, तो सबको सनातन धर्म की ओट में आना होगा। उनका यह मानना है कि सनातन धर्म ही लोकमंगल व लोककल्याण का मार्गदर्शक है।

“सनातन धर्म को बचाना है तो संस्कृत को माध्यम बनाना पड़ेगा।” — योगी

सिलाई मशीन का वितरण, पौधरोपण और गोसेवा

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने लैपटॉप और सिलाई मशीन वितरित की, कुछ छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। पौधरोपण किया। गोशाला में गायों को चारा, गुड़ व फल खिलाए। योगी ने छात्र‑छात्राओं को सलाह दी कि कंप्यूटर सुविधा ज्ञान का रास्ता है, पर भटकाव भी ले सकती है। इसलिए हमें सकारात्मक दिशा में ज्ञान ग्रहण करना चाहिए।

संस्कृत को जोड़ने वाली भाषा बनाएंगे: आगे की योजनाएँ

मुख्यमंत्री ने कहा, प्रदेश सरकार संस्कृत छात्रों को छात्रवृत्ति देती है, आगे भोजन व आवास अनुदान की व्यवस्था की जाएगी। विशेष शोध एवं उच्च अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति बढ़ाई जाएगी।

उनका कहना था कि संस्कृत केवल वेद और व्याकरण की भाषा नहीं, बल्कि भारत की दिव्य परंपरा की धरोहर है। पाणिनी की व्याकरण विद्या और तक्षशिला विश्वविद्यालय का गौरव उन्होंने उद्धृत किया।

नारी स्वावलंबन, मठ और सामाजिक निर्माण

मुख्यमंत्री ने अन्नपूर्णा मठ के कार्यों की सराहना की। उन्होंने यह कहा कि मठ समाज निर्माण और बालिकाओं को स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर कर रहा है।
उन्होंने जो बातें कही:

  • भारतीय संस्कृति ने नारी को गरिमा, सुरक्षा व सम्मान दिया है

  • यूपी सरकार अनेक योजनाओं के माध्यम से हर क्षेत्र में महिला को आगे बढ़ा रही है

  • सिलाई मशीन वितरण और प्रशिक्षण से रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे

  • कपड़ा उद्योग को बढ़ावा और फैक्ट्री मॉडल पर काम होगा

अन्नपूर्णा की कृपा से संस्कृत, संस्कृति और समाज

योगी ने कहा कि अन्नपूर्णा मंदिर मठ 108 वर्षों से देववाणी संस्कृत कार्य कर रहा है।
उन्होंने यह बताया कि गोसेवा और मठ संस्कृति और धर्म का प्रतीक है, कृषि प्रधान भारत में गाय व नंदी की भूमिका महत्वपूर्ण है। संस्कृत में वेद, व्याकरण और संस्कृति की समृद्ध धरोहर सुरक्षित है।

उनका उद्देश्य है कि संस्कृत और धर्म को जोड़ते हुए समाज निर्माण, नारी स्वावलंबन और संस्कृति पुनरुत्थान को मजबूत किया जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कार्यक्रम सिर्फ एक धार्मिक भाषण नहीं, बल्कि राजनीतिक, सामाजिक व सांस्कृतिक संदेश भी था। उनका विचार है कि सनातन धर्म, संस्कृत और संस्कृति की ओट ही शांति, सौहार्द और समाज निर्माण का मार्ग बन सकती है।
मठों, संस्कृत विद्या, नारी सशक्तिकरण और रोजगार योजनाओं के संयोजन ने इसे एक समग्र मॉडल बना दिया है।

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