
सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में आयोजित शिक्षक धन्यवाद समारोह में सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसा भाषण दिया, जिसे सिर्फ सुना नहीं, सोचा भी जाना चाहिए।
मिसाइल कल्पनाएं: भारत बोला – “फंतासी ज़ोन से बाहर आइए, जनाब!”
उन्होंने साफ़ कहा –
“शिक्षा का काम सिर्फ मार्कशीट भरना नहीं,
बल्कि मूल्य, संस्कार और राष्ट्रभक्ति भरना भी है।”
मुख्य बातें जो शिक्षा मंत्रालय को भी नोट करनी चाहिए:
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शिक्षा सिर्फ अच्छे अंक पाने की मशीन न बने।
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राष्ट्र प्रथम की भावना विद्यार्थियों के मन में रोपी जाए।
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संस्कार, नैतिकता और देशभक्ति के बिना शिक्षा अधूरी है।
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शिक्षक सिर्फ ज्ञानदाता नहीं, बल्कि चरित्र निर्माता भी हैं।
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जब युवाओं में राष्ट्रभक्ति की कमी होती है, तो वामपंथी विचार और देशविरोधी प्रवृत्तियां पनपती हैं।
योगी जी का एजुकेशन रिव्यू – “10 CGPA के साथ 10 संस्कार भी चाहिए!”
सीएम योगी के मुताबिक,
“देश के लिए उपयोगी शिक्षा वही है, जो सिर्फ करियर नहीं, चरित्र भी बनाती हो।”
आज के छात्रों को सिर्फ क्वांटम फिजिक्स नहीं, थोड़ी क्वालिटी फिलॉसफी भी पढ़नी चाहिए।
Marksheets की दौड़ में अगर संस्कार पीछे छूट जाएं, तो राष्ट्र की नींव डगमगा सकती है।
नेशन फर्स्ट सिर्फ एक नारा नहीं, युवा भारत का संस्कार बने – योगी आदित्यनाथ
सीएम ने ज़ोर देकर कहा –
“देश की रक्षा सिर्फ सेना नहीं करती,
स्कूलों में बैठे शिक्षक और छात्रों की सोच भी एक सैनिक होती है।”