
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है। चुनाव आयोग ने उन्हें दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों – बांकीपुर और लखीसराय – में नाम दर्ज होने के आरोप में नोटिस जारी किया है।
बांकीपुर निर्वाचन क्षेत्र के अधिकारी की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है:
“आपका नाम विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 के प्रारूप मतदाता सूची में दोनों क्षेत्रों में दर्ज पाया गया है, जो नियमों का उल्लंघन है।”
चुनाव आयोग ने उन्हें 14 अगस्त शाम 5 बजे तक जवाब देने को कहा है, साथ ही उचित कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
तेजस्वी यादव ने लगाए थे आरोप
इस पूरे मामले की शुरुआत आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के आरोपों से हुई, जिन्होंने दावा किया कि डिप्टी सीएम दो मतदाता पहचान पत्र रखते हैं, जो चुनावी कानून का स्पष्ट उल्लंघन है।
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया और प्रेस के ज़रिए इस मुद्दे को उठाते हुए चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की थी।
विजय कुमार सिन्हा की सफाई
विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए विजय कुमार सिन्हा ने कहा:

“जब मैं पटना के कदमकुआं में रहता था, तब मेरा नाम बांकीपुर में दर्ज था। अप्रैल 2024 में मैंने लखीसराय में नाम जुड़वाने के साथ ही बांकीपुर से हटाने का फ़ॉर्म भी भरा था। किसी तकनीकी कारण से नाम हट नहीं पाया।”
उन्होंने यह भी बताया कि जैसे ही उन्हें नाम जारी रहने की जानकारी मिली, उन्होंने फिर से बीएलओ को बुलाकर हटाने का आवेदन किया। उन्होंने कहा कि उनके पास सभी दस्तावेज़ी प्रमाण मौजूद हैं।
कानून क्या कहता है?
भारतीय चुनाव कानूनों के अनुसार, एक व्यक्ति का नाम केवल एक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची में होना चाहिए। यदि एक ही व्यक्ति का नाम दो जगहों पर दर्ज पाया जाता है, तो यह भारतीय दंड संहिता और RP एक्ट के तहत आपराधिक मामला बन सकता है।
वोटर लिस्ट की शुद्धता चुनावी प्रक्रिया की नींव है। चाहे यह एक तकनीकी त्रुटि हो या प्रशासनिक लापरवाही — डिप्टी सीएम जैसे वरिष्ठ नेता पर लगे ऐसे आरोप राजनीतिक और नैतिक रूप से गंभीर हैं। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग इस पर क्या निर्णय लेता है।
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