RO-ARO परीक्षा 2025: आसान पेपर ने जीता छात्रों का दिल, आयोग ने बटोरी तारीफ

Prabhash Bahadur civil services mentor
Prabhash Bahadur Civil Services Mentor

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी (RO) एवं सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की प्रारंभिक परीक्षा 2025 ने इस बार छात्रों को राहत दी है। पिछले कई महीनों से आयोग के खिलाफ आवाज़ बुलंद कर रहे छात्रों के चेहरों पर आज पहली बार संतोष और सुकून देखने को मिला।

पेपर था सीधा-सपाट, उलझाव से मुक्त

अभ्यर्थियों की साझा राय यह रही कि सामान्य अध्ययन (GS) सेक्शन में इस बार फैक्ट आधारित प्रश्न अधिक थे। पहले की तरह इस बार न तो घुमावदार भाषा थी, न ही कथन-युक्त (statement-based) प्रश्नों की भरमार।

हिंदी भी बनी सहयोगी, शत्रु नहीं!

हिंदी भाषा सेगमेंट की बात करें तो छात्रों ने इसे सरल और स्कोरिंग माना। ना ही जटिल व्याकरण, ना ही भ्रमित करने वाले विलोम या पर्यायवाची — बस सीधी-सपाट किताबों से सीधे उठे प्रश्न।

बदली रणनीति? आयोग ने दिया छात्रों को संकेत

आयोग ने इस बार परीक्षा को संतुलित और पारदर्शी बनाने की दिशा में ठोस क़दम उठाया है। बीते वर्षों में जहां सवालों की जटिलता और अस्पष्टता पर विवाद हुआ, वहीं इस बार पेपर ने स्पष्ट संदेश दिया — “योग्यता की परीक्षा लो, मनोबल मत गिराओ!”

पर आसान पेपर = ऊँची मेरिट!

इस बार कटऑफ का स्तर काफी ऊपर जाने की उम्मीद है। “पेपर आसान है, इसका मतलब है कटऑफ ज्यादा जाएगी।”

सिर्फ प्रयास नहीं, अब सटीकता और समय प्रबंधन भी निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

Vision Vidya IAS की सलाह:

  1. अब फोकस करें मुख्य परीक्षा (Mains) की तैयारी पर।

  2. पेपर आसान था, पर स्कोरिंग में गलती न हो — Accuracy is the Key

  3. निबंध और हिंदी पर ध्यान दें — यही Mains में जीत दिलाएगा।

RO-ARO 2025 की प्रारंभिक परीक्षा ने आयोग की छवि को मजबूत किया है। छात्रों को यह भरोसा मिला कि संघर्ष का असर होता है और सिस्टम बदलाव स्वीकार करता है। लेकिन अब असली परीक्षा मुख्य परीक्षा में होगी — जहां आसान पेपर नहीं, गहरी तैयारी काम आएगी।

लेखक: Vision Vidya IAS, लखनऊ
(विशेषज्ञ फैकल्टी टीम द्वारा तैयार विश्लेषण)

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