रोहिणी कोई आम नाम नहीं, अब यह एक संघर्ष का ब्रांड है। तमिलनाडु के एक आदिवासी गांव की यह बेटी NIT Trichy तक पहुंची, वो भी बिना किसी “quota crying” के नहीं, बल्कि शुद्ध मेहनत और मजदूरी से। माँ-पिता खेतों में, बेटी ख्वाबों में जब बच्चे नेटफ्लिक्स और नूडल्स में लगे थे, तब रोहिणी के माता-पिता दिन-भर खेतों में किसी और के सपने उगा रहे थे, और रोहिणी अपने सपनों को पानी दे रही थी—मजदूरी करके, पढ़ाई करके। एक वक्त था जब किताबों से ज्यादा उसके हाथ में कुदाल और…
Read More