ब्राज़ील के बेलेम शहर में चल रही COP30 Climate Conference के बीच सड़कों पर ऐसा माहौल बना कि लगता था कि पर्यावरण ही अब अपनी “Breaking News” बना रहा है। हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी “Free The Amazon” के नारे लगाते हुए मार्च निकालते दिखे—और कई लोगों ने Fossil Fuel का “जनाज़ा” निकाल कर माहौल में हल्का व्यंग्य और भारी संदेश दोनों घोल दिए। 3 साल बाद खुली Protest की आज़ादी 2021 के बाद यह पहली बार है जब किसी COP मीटिंग में प्रदर्शनकारियों को खुलकर मार्च की अनुमति मिली—क्योंकि…
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अब NASA-ISRO मिलकर देखेंगे धरती का हाल — NISAR ने संभाला मोर्चा
अब धरती की हर हलचल — चाहे भूकंप हो, ग्लेशियर पिघलें या जंगल सिमटें — सबका डेटा अब ISRO और NASA की जोड़ी के पास जाएगा! 7 नवंबर 2025 से NISAR Satellite ने आधिकारिक रूप से काम शुरू कर दिया है।30 जुलाई को श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ यह मिशन अब धरती का डिजिटल सीसीटीवी कैमरा बन चुका है। क्या है NISAR? — “दो देशों की, एक मिशन कहानी” NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) एक जॉइंट प्रोजेक्ट है — जहां भारत ने लगाया S-बैंड रडार, और अमेरिका ने जोड़ा L-बैंड रडार।…
Read MoreASEAN Summit: ट्रंप थिरके, मोदी ऑन स्क्रीन, और भारत की रणनीति चमके
मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर में 26 अक्टूबर से 28 अक्टूबर 2025 तक 47वां ASEAN Summit शुरू हो गया है। इस समिट में भारत की ओर से विदेश मंत्री जयशंकर गए हैं, जबकि प्रधानमंत्री मोदी समिट से ऑनलाइन कनेक्ट होंगे।मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम समिट की अध्यक्षता करेंगे। राष्ट्रपति ट्रंप ने किया डांस, समिट बना मनोरंजन का मंच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी समिट में शामिल होने मलेशिया पहुंचे। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने किया। मलेशियाई कलाकारों द्वारा पेश पारंपरिक लोकनृत्य ने ट्रंप को थिरकने पर मजबूर कर…
Read MoreNISAR मिशन: लॉन्च से पहले जानिए इसकी कीमत, मकसद और टेक्नोलॉजी
NASA और ISRO का संयुक्त प्रोजेक्ट NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar), पृथ्वी की निगरानी के लिए बनाया गया दुनिया का पहला डुअल-फ्रीक्वेंसी रडार सैटेलाइट है। इसका मकसद पृथ्वी की सतह की हाई-रिज़ॉल्यूशन मैपिंग और पर्यावरणीय बदलावों की बारीक निगरानी करना है। लॉन्च डेट: 30 जुलाई 2025स्थान: सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटारॉकेट: GSLV-F16ऑर्बिट: LEO (747 किलोमीटर ऊंचाई) कितना खर्चा आया इस पर? कुल लागत: $1.5 बिलियन (लगभग ₹13,000 करोड़) — दुनिया का सबसे महंगा Earth-Imaging Satellite NASA का योगदान: एल-बैंड रडार GPS रिसीवर हाई-डेटा कम्युनिकेशन सॉलिड-स्टेट रिकॉर्डर ISRO का योगदान: सैटेलाइट…
Read Moreचावल छोड़े कैसे, यही तो जीवन की खुशबू है
दुनिया की करीब आधी आबादी चावल को अपने मुख्य भोजन के रूप में रोज़ाना खाती है। फिलीपींस से लेकर भारत, चीन से बांग्लादेश तक — चावल सिर्फ़ पेट भरने का ज़रिया नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और पहचान का हिस्सा है। तापमान, सूखा और बाढ़ जलवायु परिवर्तन के चलते बाढ़, सूखा और असहनीय तापमान जैसे हालात चावल उत्पादन को सीधे प्रभावित कर रहे हैं। भारत में 2024 में तापमान 53°C तक पहुंच गया बांग्लादेश में बार-बार बाढ़ फसलें तबाह कर रही है खेती में पानी की बर्बादी एक किलो चावल उगाने…
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