जातिगत जनगणना: विकास का मॉडल या सामाजिक विभाजन का जरिया?

अंग्रेज़ी हुकूमत ने सबसे पहली जातिगत जनगणना वर्ष 1881 में कराई थी. उसके बाद अंतिम बार पूर्ण जातिगत मतगणना वर्ष 1931 में कराई थी. इसके बाद आजाद भारत में सबसे पहली जनगणना वर्ष 1951 में हुई. लेकिन, जनगणना केवल आदिवासियों की जातियों से संबंधित थी. इसी पैटर्न पर वर्ष 1961, 1971, 1981 और 1991 में भी जनगणना हुई. यहां तक कि, 2001 में अटल सरकार के कार्यकाल के दौरान भी केवल इसी प्रकार का जनगणना सर्वे किया गया जिसे जाति पाति से परे हटकर किया गया सर्वे भी कहा जा…

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