Zubeen Garg केस: ‘बीच’ पर मौत, ‘भाई’ पर शक और खातों में करोड़ों का खेल

असम के लेजेंडरी सिंगर ज़ुबिन गर्ग की मौत ने जहां लाखों दिलों को तोड़ा, वहीं जांच में उठते सवालों ने सोशल मीडिया से लेकर सियासत तक सबको हिला दिया है। अब मामले में नया ट्विस्ट आया है—उनके ही चचेरे भाई संदीपन गर्ग की गिरफ्तारी। संदीपन से पूछताछ के बाद गिरफ्त में लिया गया बुधवार सुबह CID मुख्यालय में चाय-कॉफी के साथ शुरू हुई पूछताछ दोपहर होते-होते हथकड़ी में बदल गई। SIT चीफ़ एम.पी. गुप्ता ने पुष्टि की कि संदीपन को पूछताछ के बाद गिरफ़्तार किया गया है। अब सवाल यह है…

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जुबीन गर्ग की मौत पर गरमाई राजनीति, गोगोई ने CM हिमंत पर उठाए सवाल

29 सितंबर को जैसे ही असम कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई ने प्रेस से बात की, मामला सीधे सियासी मोड़ ले गया।गोगोई ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की भूमिका पर उंगली उठाते हुए कहा: “मामले की शुरुआत से ही हमें नहीं पता कि ज़ुबीन का मैनेजर कहां है। प्रमुख कार्यक्रम आयोजक कहां हैं? जो लोग आखिरी घंटों में उनके साथ थे, वही गायब हैं!” गोगोई ने आरोप लगाया कि जांच की दिशा जानबूझकर “मुख्य पात्रों” से हटाई जा रही है। Singapore तक पहुँचा केस, लेकिन सवाल यहीं हैं CM हिमंत ने…

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ज़ुबिन गर्ग की मौत या म्यूज़िक इंडस्ट्री की मिस्ट्री? लुकआउट नोटिस जारी

ज़ुबिन गर्ग – एक नाम, जो सिर्फ असम का नहीं, पूरे भारत का सुर बन गया था। लेकिन उनकी मौत अब सुरों से हटकर साजिश के शक की ओर बढ़ चुकी है। सिंगापुर में हुई रहस्यमयी मौत अब जांच के घेरे में है और परिवार का कहना है – “ये Accident नहीं, शायद Scripted था!” परिवार की FIR: सिर्फ आंसू नहीं, अब एक्शन भी ज़ुबिन की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग, बहन पामी बार्थाकुर और उनके चाचा ने ईमेल से दर्ज कराई FIR, और आरोप सीधे गए मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, फेस्टिवल…

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बाढ़ जिहाद नहीं, यह ‘जंगल जिहाद’ निकला मेघालय का यूएसटीएम

मेघालय के री-भोई जिले में स्थित University of Science & Technology Meghalaya (USTM) अब “University of Scandal & Trouble Meghalaya” बनती नजर आ रही है। सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश पर गठित केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) की हालिया रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि विश्वविद्यालय वन संरक्षण अधिनियम, 1980 की अवहेलना करते हुए 13.62 हेक्टेयर वन भूमि पर अवैध रूप से बना है। हिमंत का आरोप और अब रिपोर्ट की पुष्टि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पिछले वर्ष “बाढ़ जिहाद” का जो सनसनीखेज आरोप लगाया था, वह अब…

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“‘हर मुसलमान बांग्लादेशी है?’ – मदनी vs सरमा का सियासी तमाशा”

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी ने एकदम स्पष्ट कह दिया है — “जो भी बांग्लादेशी या विदेशी नागरिक अवैध रूप से भारत में है, उसे देश छोड़ना चाहिए।” लेकिन… फिर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ऐसा पोलिटिकल माइक ड्रॉप मारा कि सोशल मीडिया और न्यूज़ रूम दोनों हिल गए। सरमा बोले, “मदनी कौन है? भगवान है क्या?”“बहुत बोलेगा तो जेल भेज दूंगा!” यह विवाद न सिर्फ कानून और प्रवासियों पर है, बल्कि ये साफ़ दिखा रहा है कि “कौन है ज़ीरो और कौन है हीरो?” — कम…

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“किताबें अब सरकारी गिफ्ट होंगी! असम सरकार ने किया ‘बुक ईयर’ का ऐलान”

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 8 अगस्त को राज्य के लिए एक अनूठी और ज्ञानवर्धक योजना की घोषणा की। अब राज्य के चार लाख सरकारी कर्मचारियों को नवंबर 2025 में ₹1,000 का ‘बुक भत्ता’ मिलेगा ताकि वे पुस्तकें खरीद सकें। “2025 को हम ‘बुक ईयर’ के रूप में मना रहे हैं। इसका मकसद है ज्ञान, पढ़ने की आदत और बौद्धिक समृद्धि को बढ़ावा देना,” – CM सरमा 1,000 रुपये का एकमुश्त पुस्तक अनुदान सभी सरकारी कर्मचारियों को नवंबर के वेतन के साथ ₹1,000 अतिरिक्त मिलेगा इस पहल पर…

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“CAA है तो डर किस बात का? – हिमंत सरमा का साफ जवाब!”

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को साफ किया कि राज्य सरकार ने 2015 से पहले भारत में प्रवेश करने वाले गैर-मुस्लिम अवैध प्रवासियों के मामलों को लेकर कोई “विशेष निर्देश” जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि CAA (नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019) पहले से ही ऐसे लोगों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, इसलिए किसी नए निर्देश की ज़रूरत नहीं है। सरमा बोले — कानून है, सुप्रीम कोर्ट तक वैध है मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा: “यह कानून है, और जब तक सुप्रीम कोर्ट इसे रद्द…

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राहुल गांधी की सोच बांग्लादेशी? हिमंत सरमा ने फिर छोड़ा सियासी बम

असम में चुनावी मौसम गरम है, और हिमंत बिस्वा सरमा अपने बयानों से तापमान और भी बढ़ा रहे हैं। “राहुल गांधी भारत के साथ नहीं, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसी सोच के साथ हैं।”— यह लाइन सरमा ने तामुलपुर में BJP की रैली में बोली, और फिर ट्विटर (या कहें अब ‘X’) पर थियेटर शुरू हो गया। बीटीआर चुनाव से पहले “देशद्रोही” का कार्ड खेला गया? बीटीआर यानी बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र, जहाँ सितंबर में चुनाव होने हैं — वहां BJP पूरी ताक़त झोंक चुकी है।“प्रगतिशील बीटीआर के लिए भाजपा” नाम से…

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बीटीआर में गोली की जगह विकास: हिमंत सरमा का वादा फिर दोहराया

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा इन दिनों एकदम चुनावी मोड में नहीं हैं, वो शांति और विकास के फुलटाइम प्रचारक बन चुके हैं।बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (BTR) के दौरे पर निकले सरमा जी ने अपने भाषणों में इतना ज़ोर दिया कि माइक भी शरमा गया। “एक भी गोली नहीं चली!” — मुख्यमंत्री का शांति स्कोरकार्ड जनसभाओं में उन्होंने कहा — “हमारे कार्यकाल में बीटीआर में एक भी गोली नहीं चली।” यह सुनकर AK-47 ने खुद को बेरोजगार घोषित कर दिया। साम्प्रदायिक झगड़े का ग्राफ गिरा, और विकास का ग्राफ थोड़ा…

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“असम को चाहिए शिक्षा, न कि बंदूकें!” — गोगोई का सरकार पर करारा वार

असम की सीमाओं पर रहने वाले नागरिकों को हथियार देने की योजना को लेकर प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के इस फैसले की कांग्रेस सांसद और प्रदेश अध्यक्ष गौरव गोगोई ने कड़ी आलोचना की है। ओ तेरी ! कोलंबिया में रह कर ही उसकी रेल बना दी आतंक पर थरूर ने गुरुवार देर रात गौरव गोगोई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा: “राज्य को बंदूकें नहीं, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सस्ती स्वास्थ्य सेवा और रोज़गार चाहिए।“ गोगोई का आरोप: “ये सुरक्षा नहीं, चुनावी राजनीति है” गौरव…

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