“जो शक्ति का सम्मान करे, वही सनातनी कहलाए!”

जब पूरी दुनिया महिलाओं को बराबरी की लड़ाई के लिए झूझते देख रही थी, सनातन धर्म तब से नारी को देवी, जगत जननी और शक्ति मानता आ रहा है। यहाँ नारी कोई अबला नहीं, बल्कि “शक्ति स्वरूपा” है — वही शक्ति जिससे त्रिमूर्ति भी संचालित होते हैं। शक्ति के तीन रूप: देवी, जननी और ज्ञान सनातन में स्त्री को केवल गृहिणी या माता तक सीमित नहीं किया गया। वह सरस्वती बनकर ज्ञान देती है, लक्ष्मी बनकर समृद्धि लाती है और काली/दुर्गा बनकर राक्षसों का नाश करती है। यह दृष्टिकोण दिखाता…

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योग्य गुरु की छाया में कोई अयोग्य नहीं: CM योगी

गोरक्षपीठ के दो दिव्य आचार्यों—ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 56वीं और महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 11वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओजस्वी शब्दों में श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। “अयोग्य व्यक्ति नहीं होता, योग्य गुरु की तलाश होती है” योगी आदित्यनाथ ने श्लोक “अमन्त्रमक्षरं नास्ति…” का हवाला देते हुए कहा: “मनुष्य अयोग्य नहीं होता, उसे केवल सही दिशा दिखाने वाला गुरु चाहिए। महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ ऐसे ही सुयोग्य योजक थे जिन्होंने राष्ट्र और समाज को दिशा दी।” महंतद्वय ने भारत की…

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“लड़कियां अर्धनग्न क्यों दिखती हैं?” – प्रज्ञा ठाकुर का संस्कार पर सवाल

भोपाल से पूर्व बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं। इस बार मुद्दा है — कपड़े, संस्कार और लिव-इन रिश्तों का। वृंदावन में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य से मुलाकात के दौरान उन्होंने सीधे-सपाट शब्दों में कहा: “जब मां-बाप संस्कार नहीं देंगे तो लड़कियां अर्धनग्न दिखेंगी।” …और सोशल मीडिया पर जैसे किसी ने “Send” बटन दबा दिया हो — बयान वायरल। “अर्धनग्नता” बनाम “आधुनिकता” प्रज्ञा ठाकुर का कहना है कि आजकल स्कूल-कॉलेज की लड़कियां “अर्धनग्न” घूमती हैं। अब यह अर्ध कितना नग्न है, इसकी परिभाषा शायद संस्कार स्केल…

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महाकाल बाबा निकले सवारी पर – भक्त बोले: दर्शन Bonus, भीड़ Unlimited

आज सावन मास का चौथा और अंतिम सोमवार है, और बाबा महाकाल की परंपरागत रजत पालकी वाली नगर सवारी उज्जैन में निकल चुकी है। भक्तगण कह रहे हैं— “सावन खत्म हो रहा है, मगर भक्ति का bandwidth full है।” राजा निकले नगर भ्रमण पर – सलामी, सुरक्षा और श्रद्धा का संगम महाकाल को सिर्फ देव नहीं, “उज्जैन का राजा” माना जाता है। और जब राजा नगर भ्रमण पर निकलें, तो तोपों की सलामी से लेकर पुलिस बैंड तक, हर चीज़ राजसी होनी ही चाहिए। भोलेनाथ आज पांच रूपों में भक्तों…

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देवशयनी एकादशी: जब भगवान विष्णु सो जाते हैं और चातुर्मास शुरू होता है

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में शयन करते हैं, और चार महीनों तक यहीं विश्राम करते हैं। यह दिन चातुर्मास की शुरुआत का प्रतीक होता है — एक ऐसा काल जिसमें धार्मिक, वैवाहिक और मांगलिक कार्यों पर विराम लगा होता है। पौराणिक कथाओं, धार्मिक परंपराओं और वैज्ञानिक तथ्यों के संदर्भ में यह एकादशी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। लखनऊ की अजादारी: मोहर्रम की परंपरा, इतिहास और गंगा-जमुनी तहज़ीब का संगम पौराणिक पृष्ठभूमि: वामन अवतार और राजा…

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108 मोतियों वाली माला में छुपा है ब्रह्मांड का रहस्य!

भारत की आध्यात्मिक परंपरा में माला जप को एक अत्यंत शक्तिशाली साधना माना गया है। आपने अक्सर देखा होगा कि साधु-संत, योगी या आपके परिवार के बुज़ुर्ग जपमाला से भगवान का नाम या मंत्रों का जाप करते हैं। लेकिन सवाल यह है कि माला में हमेशा 108 ही दाने क्यों होते हैं? क्या यह सिर्फ परंपरा है या इसके पीछे कोई गहरा वैज्ञानिक और ज्योतिषीय रहस्य छिपा है? भारत में कोविड-19 की वापसी: NB.1.8.1 और LF.7 वेरिएंट्स से सतर्क रहें आइए इस सवाल का उत्तर खोजते हैं — 108 का…

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