सीज़फायर की खबर पर गोरखपुर में हलचल है। भारत-पाक तनाव के बीच हुई यह घोषणा शांति की दिशा में कदम ज़रूर है, लेकिन स्थानीय लोगों की राय में इसे पाकिस्तान की रणनीतिक मजबूरी के रूप में देखा जा रहा है, न कि सच्चे इरादे के तौर पर। बागी बलिया बोलेला – पाकिस्तान के भरोसा कइसे? भारत तैयार रहे के चाहीं! क्या कहते हैं गोरखपुरवासी? अब्दुल राशिद :“शांति सबसे बेहतर विकल्प है लेकिन पाकिस्तान का इतिहास भरोसे लायक नहीं। सीज़फायर तब तक बेमानी है जब तक आतंकवाद की फैक्ट्री बंद न…
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पटना बोलेला – शांति ठीक बा, बाकिर जब ले आतंकवाद रही, तब ले भारत के जवाब भी ज़रूरी बा
भारत आ पाकिस्तान के बीच चार दिन चले टकराव के बाद सीज़फायर के ऐलान भइल। बाकिर पटना के सड़क से लेकर चाय के दुकान तक, लोगन के बहस ई बा कि ई युद्धविराम मजबूरी रहल कि पाकिस्तान पर पड़ल भारत के दबाव? भोपाल की जनता बोली – सीज़फायर ठीक है, लेकिन पाकिस्तान पर भरोसा नहीं पटना के जनता का कहेले? मुजाहिद रजा बोले,“हम मुसलमान होके पाकिस्तान के हरकत से नाराज़ बानी। भारत के सुरक्षा सबसे ऊपर बा। आतंकवाद के मुंहतोड़ जवाब मिलल चाहीं। सीज़फायर ठीक बा, बाकिर सतर्कता ज़रूरी बा।”…
Read Moreसीज़फायर पर लखनऊ वालों की राय: क्या ये वाकई शांति की शुरुआत है?
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष और फिर सीज़फायर की घोषणा ने देशभर में चर्चा छेड़ दी है। लखनऊ जैसे संवेदनशील और राजनीतिक रूप से जागरूक शहर में इस विषय पर लोगों की राय जानना ज़रूरी हो जाता है। Ceasefire: भारत की ब्रह्मास्त्र रणनीति से कैसे डर गया पाकिस्तान? “शांति जरूरी है, मगर कीमत पर नहीं” — सरताज़ अहमद (मेडिकल छात्र, चौक) सरताज़ कहते हैं, “सीज़फायर का समर्थन करता हूं, लेकिन अगर इसका मतलब है कि हम आतंकी हमलों को भूल जाएं, तो यह नाइंसाफी है। पहलगाम में जो…
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