बिहार में कांग्रेस की ‘कैप्टन’ लड़ाई: राहुल रील में लीडर हैं, ग्राउंड पर कौन?

जब देश भर में राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो’ रील्स चल रही थीं, बिहार के गांवों में लोग पूछ रहे थे – जात कौन की है और रोजगार कब मिलेगा? बिहार की राजनीति कभी लहरों पर नहीं चलती, यहां की राजनीति अपने गड्ढों, चालों और जातीय संतुलनों की भाषा समझती है। और यही भाषा कांग्रेस भूलती जा रही है। मौत की ओर एक और कदम! हुक्का-सिगरेट की लत पर हेल्दी ब्रेक लगाने का समय आ गया है कांग्रेस का आंतरिक भ्रम: राहुल गांधी के सोशल मीडिया-प्रधान नेतृत्व मॉडल की बिहार…

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बिहार में बदलत बयार: तेजस्वी के जोब वाला जुमला भारी पड़ी मोदी मैजिक पर?

हर पांच बरिस पर नेताजी लोग गांव के पगडंडी नापे लागेलें, पर इ बार जनता भी सवाल लेके खड़ी बा – “अबकी बार हमनी के जिनगी सुधरी कि फेरु उहे वादा-बाजी?” आरजेडी के बदलल रूप: लालू के पार्टी से तेजस्वी के सपना तेजस्वी यादव अब केवल यादव-मुस्लिम वोट बैंक के नेता ना रह गइलें। उ बेरोजगारन से लेके पढ़े वाली लड़िकियन, खेतीहर किसान से लेके पलायन से परेशान जवान तक सबके मन के बात करत बाड़न। “10 लाख रोजगार” वाला नारा अब गांव में सिरिफ पोस्टर पर ना, बलुक चाय…

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