दुनिया की गोल्डन क्वीन हैं भारतीय गृहणियाँ! अमेरिका-रूस को भी पछाड़ा

भारत में सोना सिर्फ गहनों की शोभा नहीं, बल्कि समृद्धि, परंपरा और आर्थिक सुरक्षा का प्रतीक है। हाल ही में आई रिपोर्ट ने चौंका दिया कि भारतीय गृहिणियों के पास लगभग 24,000 टन सोना है, जो कि दुनिया के कुल सोने का 11% हिस्सा है। यह मात्रा अमेरिका, जर्मनी, रूस, फ्रांस, इटली और स्विट्ज़रलैंड जैसे देशों के स्वर्ण भंडार से भी कहीं अधिक है। पंचकूला में 7 लोगों की आत्महत्या की दर्दनाक दास्तान भारतीय महिलाओं की आर्थिक शक्ति: सोना केवल श्रृंगार नहीं, संपत्ति भी भारतीय महिलाओं, खासकर गृहिणियों, ने पीढ़ियों…

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शराब के लिए लाखों, पंडित के लिए सौ भी भारी! शादी में दक्षिणा पर आता है करंट

भारतीय शादियों में सबकुछ होता है — नगाड़े, डांस, नोटों की बारिश, ब्राइडल एंट्री पर कोहरा और बारात में “लॉन्ड्री वाला लहंगा” पहनकर नागिन डांस करते मामा-मौसा। लेकिन जैसे ही विवाह के केंद्रबिंदु पंडित जी की दक्षिणा का वक्त आता है, परिवार के चेहरे पर ऐसी संजीदगी आ जाती है जैसे यूपीएससी का इंटरव्यू चल रहा हो। सलमान खान के गैलेक्सी अपार्टमेंट में 48 घंटे में दो घुसपैठ! शराब के लिए ओपन बार, पंडित जी के लिए 501 का लिफाफा! बारात में जैसे ही भांगड़ा शुरू होता है, 750ml के…

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जो धर्म सत्य और शांति की राह दिखाए, उसे नफरत और शोरगुल से मत दबाओ

सनातन धर्म कोई नारा नहीं, न ही कोई राजनीतिक औजार है। यह जीवन का दर्शन है, जिसमें ऋषियों का तप, महात्माओं की करुणा और विश्व के लिए वसुधैव कुटुम्बकम् की कामना छिपी है। देसी स्टार्टअप का सुपरहिट आइडिया: हर्बल बॉडीकेयर प्रोडक्ट्स लेकिन आज जब कुछ युवा जोश में आकर इसे ‘ब्रांड’ की तरह पेश कर रहे हैं, कट्टरता को गौरव समझ रहे हैं, तो सवाल उठता है — क्या यही है सनातन का असली स्वरूप? कट्टरता नहीं, चरित्र है सनातन की पहचान सनातन धर्म की पहचान किसी और को नीचा…

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भारतीय विवाह के सात वचन: वैवाहिक जीवन की नींव और रिश्ते की गहराई

भारतीय संस्कृति में विवाह केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो आत्माओं और दो परिवारों का संगम होता है। यह केवल एक सामाजिक अनुबंध नहीं, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से पवित्र बंधन है, जिसमें अग्नि को साक्षी मानकर वर और वधू सात फेरे लेते हैं। इन सात फेरों के साथ जुड़े होते हैं सात वचन, जो वैवाहिक जीवन के मूल स्तंभ होते हैं। हर वचन केवल एक वादा नहीं, बल्कि जीवनभर के लिए एक दायित्व, एक प्रतिबद्धता होती है जो दंपति के रिश्ते को प्रेम, सम्मान और निष्ठा की…

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सिर्फ’राजा भैया’ ही नहीं, एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक विरासत है प्रतापगढ़

उत्तर प्रदेश का प्रतापगढ़ जिला पूर्व मंत्री राजा भैया की वजह से सुर्खियों में रहता है, लेकिन इस जिला की पहचान सिर्फ राजनीति या बाहुबली छवि से नहीं होनी चाहिए। प्रतापगढ़, जिसे स्थानीय लोग ‘बेल्हा’ भी कहते हैं, एक ऐसा ज़िला है जहाँ इतिहास, धर्म, साहित्य और स्वतंत्रता संग्राम की गूंज आज भी सुनाई देती है। प्रतापगढ़ का नाम राजा प्रताप बहादुर (1628–1682) के बनाए किले ‘प्रतापगढ़’ से पड़ा। जब 1858 में जिले का पुनर्गठन हुआ, तब इसका मुख्यालय बेल्हा में बना और तब से बेल्हा-प्रतापगढ़ के नाम से जाना जाने…

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दोस्तों संग महाकुम्भ पहुंचे इटली के एमा ने कहा – पिछले जन्म में इंडियन था मैं’

योग प्रशिक्षक एमा दोस्तों स्टीफेनो और पीटरों संग पहली बार पहुंचे हैं महाकुम्भ महाकुम्भ में सन्यासी वेश धारण कर प्रवास कर रहे इटली से आए तीन दोस्त महाकुम्भ की भव्यता और व्यवस्था देख इटली के युवकों ने की तारीफ महाकुम्भ नगर। प्रयागराज में सजे महाकुम्भ मेले की भव्यता और दिव्यता को निहारने न सिर्फ भारत के कोने-कोने से बल्कि पूरी दुनिया से लोग यहां पहुंच रहे हैं। भारतीय संस्कृति और परंपरा से प्रभावित इटली के तीन दोस्त महाकुम्भ का मेला देखने पहुंचे हैं और यहां मेला परिसर में शिविर में…

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