लखनऊ घराना, कथक की सबसे भावप्रवण शैलियों में से एक माना जाता है। इसकी खूबी होती है—नज़ाकत, नज़रिया और नज़ारा।कुमकुम आदर्श ने इस शैली को न केवल सीखा, बल्कि उसके भाव, अभिनय और लयकारी को दुनियाभर में फैलाया। गुरु-शिष्य परंपरा का आदर्श चेहरा कुमकुम आदर्श ने कथक को सिर्फ सीखा नहीं, बल्कि गुरु-शिष्य परंपरा के ज़रिए 300 से अधिक विद्यार्थियों को प्रशिक्षित भी किया। वे गुरु लच्छू महाराज की शिष्या थीं, जो लखनऊ घराने के सबसे प्रतिष्ठित नामों में गिने जाते हैं। देश-विदेश में प्रस्तुति, कोरियोग्राफी में महारत उन्होंने भारत…
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