लखनऊ के मलिहाबाद, चिनहट और सरोजनी नगर के केजीबीवी की हैं छात्राएं
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे अभूतपूर्व बदलावों का नतीजा यह है कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की 80 छात्राएं इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार भाग लेंगी। ये छात्राएं लखनऊ के मलिहाबाद, चिनहट और सरोजनी नगर के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों से चयनित की गई हैं और वे विधानभवन के सामने आयोजित होने वाली परेड में अपने अनुशासन, प्रतिभा और जोश का प्रदर्शन करती हुई नजर आएंगी।
पहली बार परेड का हिस्सा बन रहीं केजीबीवी छात्राएं
यह पहली बार है जब कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राएं गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बन रही हैं। योगी सरकार की यह पहल उन प्रयासों का हिस्सा है जो महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के क्षेत्र में चलाए जा रहे हैं। इन छात्राओं ने पिछले 10 दिनों से लखनऊ पुलिस लाइन में कड़ी मेहनत की है, ताकि वे परेड में पूरी तरह से तैयार होकर शामिल हो सकें। उनका यह समर्पण और कड़ी मेहनत इस बात का प्रतीक है कि सही मार्गदर्शन और अवसर मिलने पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
प्रदेशभर की बालिकाओं का प्रतिनिधित्व
इन 80 छात्राओं की परेड में भागीदारी न केवल उनके विद्यालयों का गौरव बढ़ाएगी, बल्कि वे प्रदेशभर के 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का प्रतिनिधित्व भी करेंगी। यह कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में पढ़ाई कर रही बालिकाओं के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। इन बालिकाओं के अनुशासन, मेहनत और समर्पण ने उन्हें यह अवसर प्रदान किया है। ज्ञात हो कि योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के माध्यम से प्रदेश के वंचित वर्ग की बेटियों को शिक्षा के बेहतर अवसर प्रदान किए हैं, जिससे आज ये बालिकाएं अपने स्कूलों और प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं।
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बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘अब बेटियां पीछे नहीं हैं’
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा, “केजीबीवी की इन छात्राओं ने साबित कर दिया है कि अगर शिक्षा और अवसर मिले, तो वंचित वर्ग की बेटियां भी बड़े से बड़े मंच पर अपनी पहचान बना सकती हैं। योगी सरकार की योजनाओं और प्रयासों के कारण आज कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की बेटियां न केवल शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों में भी अपनी छाप छोड़ रही हैं। इन बालिकाओं ने यह संदेश दिया है कि अब बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रहेंगी और वे हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।’